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हेमचन्द्राचार्य की दीक्षा कब और कहां हुई
हेमचन्द्राचार्य को दोक्षा कब और
कहां हुई ? आचार्य हेमचन्द्र सूरि विक्रम की बारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के एक महान् ज्योतिधर हुए हैं। इन्होंने जैन समाज में ही क्यों, सारे गुजरात में एक नवीन युग को उत्पन्न किया है । साहित्य क्षेत्र में तो एक भी विषय अवशिष्ट नहीं रखा है कि जिसमें इन्होंने अपनी अधिकार पूर्ण लेखनी नहीं चलाई हो ।
चौलुक्य वंशीय सिद्धराज' जयसिंह और कुमारपा जैसे प्रतापी राजाओं के इतिहास में हेमचन्द्राचार्य का उच्चस्थान है। इनके विषय में कई पूर्व और पश्चिम के विद्वानों ने अपनी श्रद्धञ्जलि अर्पित की है । इनका विस्तृत परिचय मैंने “आचार्य हेमचन्द्र सूरि और उनका साहित्य" निबन्ध में दिया है। - आचार्य हेमचन्द्र पूर्वावस्था में 'धंधुका' के रहने वाले थे। मोढ जाति के 'चाचीग' शेठ के यह पुत्र थे ।
*जैन सिद्धान्त भास्कर. आरा, भा, ३ किरण ४ । १ सिद्धराज के विषय में देखो हमारा 'सिद्धराज जयसिंहे शु कयु?' माम का लेख । (शारदा में), कुमारपाल के विषय में हमने 'महाराजा कुमारपाल चौलुक्य' निवन्ध लिखा है जो भारतीय अनुशीलन ग्रन्थ' में प्रकाशित हुआ है।
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