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शिक्षा और परीक्षा
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शिक्षा और परीक्षा *
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आधिभौतिक और आध्यात्मिक उन्नति का मुख्य उपाय शिक्षा है, अतएव इसे यथार्थ रूप में अपनाने से ही मनुष्य सुखी और यशस्वी हो सकता है ।
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शिक्षा का स्वरूप और उसकी पद्धति के निर्णय का प्रश्न बडा ही कठिन है । पर कठिन होते हुए भी, इस प्रश्न को हम छोड़ नहीं सकते या इसकी उपेक्षा करने से हम सुखी नहीं हो सकते ।
शिक्षा का इतना महत्त्व क्यों है ? हरएक देश, जाति और धर्म के लोग इसके प्रति सम्मान क्यों दिखाते हैं तथा परीक्षा लाभप्रद है या नहीं ? उत्तर में प्राचीन पद्धति का विचार करते पुत्र लव और कुश की सायन्त शिक्षा हुई थी ।
* गङ्गा, प्रवाह ३, तरङ्ग १२ ।
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ढाई हजार वर्ष के मध्यकाल में बौद्ध, जैन और वैदिक विद्वानों के प्रयत्नों से भारत के विभिन्न प्रदेशों में विराट्र विद्यापीठ स्थापित किये थे। तक्षशिला, काशी, नालन्दा, विक्रमशिला, उदन्तपुरी, मिथिला, जगद्दल, महा
इन्हीं प्रश्नों के रामचन्द्र जी के ऋषियों से ही