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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org शिक्षा और परीक्षा : ३८ : शिक्षा और परीक्षा * Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir आधिभौतिक और आध्यात्मिक उन्नति का मुख्य उपाय शिक्षा है, अतएव इसे यथार्थ रूप में अपनाने से ही मनुष्य सुखी और यशस्वी हो सकता है । २०३ शिक्षा का स्वरूप और उसकी पद्धति के निर्णय का प्रश्न बडा ही कठिन है । पर कठिन होते हुए भी, इस प्रश्न को हम छोड़ नहीं सकते या इसकी उपेक्षा करने से हम सुखी नहीं हो सकते । शिक्षा का इतना महत्त्व क्यों है ? हरएक देश, जाति और धर्म के लोग इसके प्रति सम्मान क्यों दिखाते हैं तथा परीक्षा लाभप्रद है या नहीं ? उत्तर में प्राचीन पद्धति का विचार करते पुत्र लव और कुश की सायन्त शिक्षा हुई थी । * गङ्गा, प्रवाह ३, तरङ्ग १२ । For Private and Personal Use Only ढाई हजार वर्ष के मध्यकाल में बौद्ध, जैन और वैदिक विद्वानों के प्रयत्नों से भारत के विभिन्न प्रदेशों में विराट्र विद्यापीठ स्थापित किये थे। तक्षशिला, काशी, नालन्दा, विक्रमशिला, उदन्तपुरी, मिथिला, जगद्दल, महा इन्हीं प्रश्नों के रामचन्द्र जी के ऋषियों से ही
SR No.020374
Book TitleHimanshuvijayjina Lekho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHimanshuvijay, Vidyavijay
PublisherVijaydharmsuri Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages597
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationBook_Gujarati
File Size18 MB
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