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झांसी का इतिहास
इत्थं पृथ्वीधरेण प्रतिगिरिनगरग्रामसीम जिनाना
मुच्चैश्चैत्येषु विष्वग हिमगिरिशिखरैः स्पर्धमानेषु यानि बिम्बानि स्थापितानि क्षितियुवतिशिरःशेखराण्येष वन्दे
तान्यप्यन्यानि यानि त्रिदशनरवरैः कारिताकारितानि ।१६।
-: ३० :झांसी का इतिहास*
उत्पत्ति
झांसी यद्यपि बहुत पुराना शहर नहीं है, ताहम भी इतिहास के पृष्ठों में झांसी ने अच्छा स्थान पाया है। ईस्वी सन् १५५३ में झांसी बसा है। यहां पर पहले जंगल और पहाड़ी थी । इस पहाड़ी का नाम 'बंगरा की पहाडी' था । इस पहाड़ी पर अपने जानवरों की रक्षा के लिए अहीरों ने दो झोंपडियों बनाई थीं। ओरछा के प्रसिद्ध राजा बीरसिंहदेव ने इस पहाडी पर ईस्वी सन् १६१३ में किला बनवाया । यहां पर छोटा गांव ही था जिसका नाम बलवन्त नगर था ।
वीरसिंहदेव बुन्देलखंड के बहुत प्रतापी राजा हुए हैं। अकबर बादशाह (प्रथम) के पुत्र जहांगीर के दिलोजान
*वीर, बीजनोर, वर्ष ९, अंक १५-१६ ।
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