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- श्री. शामदास जैन अधिक पुस्तकों का संशोधन हो चुका है। इसका सुविस्तृत वृत्तांत जानने के लिये सभाद्वारा प्रकाशित 'भारतवर्ष का इतिहास और जैनधर्म' पुस्तक पढ़ियेगा । इसके अतिरिक्त सभा ने और भी पुस्तके प्रकाशित की है।
पिछले वर्षों में सभा की ओर से बहुत से विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी दीजाती रही है। यह विद्यार्थी भिन्न २ कॉलेजों में उच्च शिक्षण प्राप्त कर रहे थे।
श्री आत्मानंद जैन हाईस्कूल-इस हाईस्कूल में ( शाखाओं सहित ) ५७५ विद्यार्थी हैं। यह हाईस्कूल पंजाब-शिक्षाविभागद्वारा स्वीकृत है और मिडल तथा प्राइमरी शाखाओं को एड ( सहायता ) भी मिलती है। पंजाब युनिवर्सिटी से इस का संबंध है और मैट्रिक्युलेशन की परीक्षार्थ तैयारी कराई जाती है। इस स्कूल में अंग्रेजी, गणित, भूगोल, इतिहास, संस्कृत, फारसी, उर्दू, हिंदी, साइंस, सिविक्स हाइजीन आदि विषय पढ़ाये जाते हैं। मिडल की श्रेणियां बढ़ई तथा खिलौने बनाने का काम भी सीखती हैं। प्राइमरी विभाग में महाजनी हिंदी भी पढ़ाई जाती है। धर्म शिक्षण का प्रबंध भी संतोषप्रद है। छोटी श्रेणियों में शिक्षावली और ऊंची श्रेणियों में स्वतंत्र स्कीम के अनुसार शिक्षा दी जाती है । आनरेरी धर्माध्यापक ब्रह्मचारी शंकरदासजी की निःस्वार्थ सेवा का छात्रों के चरित्र पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। साधारण परीक्षाओं के साथ धर्म की परीक्षायें भी ली जाती हैं। प्रश्नपत्र बाहिर से मंगवाये और बाहिर ही देखे जाते हैं । सर्वप्रथम रहनेवाले विद्यार्थी को विजयानंद जयन्ती ( ज्येष्ट सुदि ८ ) को लाला कालूमल चांदनमल बाबू-स्वर्णपदक भी दिया जाता है और दूसरे नंबरवाले को रु. ७) का पारितोषिक सभा की ओर से मिलता है।
कुल २३ अध्यापकों में से २१ ट्रेंड हैं । सभी अपने २ कार्य में दक्ष है इसीकारण स्कूल की शिक्षण-अवस्था सराहनीय है। मैट्रिक्युलेशन और वर्नेक्युलर फाइनल परीक्षाओं के परिणाम अब तक बहुत ही अच्छे रहते रहे हैं।
व्यायाम, ड्रिल, स्काउटिंग, चरित्रगठन आदि की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है।
जून १९३१ तक स्कूल श्री आत्मानंद जैन गंज में लगता रहा । यह एक लंबी चौड़ी मंडी है जिसकी उपर की मंजिल में स्कूल लगा करता था । मकान श्वेतांबर जैन पंचायत का है। दुकानों की आमदनी से स्कूल को आर्थिक सहायता मिल जाती है। जून १९३१ में शहर से बाहिर स्कूल की अपनी दर्शनीय बिल्डिंग की प्रतिष्ठा बड़ी धूमधाम से हुई। तत्पश्चात् स्कूल इस नये मकान में चला गया । ___ स्कूल के साथ एक अच्छा बोडिंग हाऊस भी है। जिसमें इस समय ५६ विद्यार्थी रहते हैं। उनकी देखभाल के लिये दो डाक्टर और वैद्य भी नियुक्त हैं। स्कूल के सभी विद्यार्थियों की साल में तीन बार डाक्टरी परीक्षा का प्रबंध भी किया गया है। परिणाम की सूचना विद्यार्थियों के घर भेज दी जाती है ।
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