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शताब्दि नायक की जन्मकुंडली
होते हैं मान लिया गया था; परंतु सौमा वर्ष प्रारंभ हुआ समझ लेना. और आगामी संवत् १९९३ गुजराती, चैत्री १९९४ चैत्र सुदि एकम सोमवार तारीख १२ अप्रैल सन् १९३७ को एक सौ एक वर्ष की शुरूआत समझ लेनी । मतलब सौमे वर्ष की समाप्ति में जो शताब्दि महोत्सव करना था वह पूर्वोक्त भ्रांति के कारण सौमे वर्ष की शुरूआत में हो गया है.
___“जो कुछ होता है अच्छे के लिए " दुनिया की मशहूर इस कहावत मुजिब यदि ख्याल किया जाय तो जो कुछ हुआ है ठीक ही हुआ है ! आपका जन्मशताब्दि महोत्सव एक वर्ष तक बलकि इससे अधिक समय तक भी मनाया जा सकता है और उमीद है मनाया ही जायगा ! जिसकी पूर्णाहूति पंजाब देशमें ही होती नजर आती है !
प्रसंग से सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक व्यक्ति जैनाचार्य १००८ श्रीमान् विजयहीरसूरिजी की जन्मकुंडली दी जाती है जिसपर से ज्योतिर्विद् विद्वान् समझ सकते हैं कि जगत् में सुप्रसिद्ध होनहार व्यक्ति के कैसे उत्तम ग्रह होते हैं ।
___ संवत् १५८३ मागसर सुदि नवमी सोमवार को देश गुजरात प्रह्लादनपुर (पालनपुर) में ओसवालजातीय शाह कूरा की धर्मपत्नी नाथीदेवी की कूख से एक होनहार पुत्ररत्न उत्पन्न हुआ, जिसका जन्म लग्न
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यही बालक उन्नति को प्राप्त होता हुआ मुगलसम्राट् सुप्रसिद्ध अकबर बादशाह के प्रतिबोधक आचार्य श्री हीरविजय मूरि हुए।
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[श्री आत्मारामजी
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