Book Title: Atmanandji Jainacharya Janmashatabdi Smarakgranth
Author(s): Mohanlal Dalichand Desai
Publisher: Atmanand Janma Shatabdi Smarak Trust
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जग श्री. ईश्वरलाल जैन कर संसार की एक आदर्श संस्था बनाने का है, हम हृदय से प्रार्थना करें कि यह भावना पूर्ण हो, और गुरुदेव का नाम सर्वत्र फैले । म श्री आत्मानन्द जैन हाईस्कल अम्बाला शहर-FEETTPSEPTET
मामाजमजी का पंजाब में गुरुदेव के नाम पर संस्थायें चलाने का सबसे अधिक सौभाग्य अम्बाला शहर के श्री संघ को ही प्राप्त है जहां की समाज गुरुदेव के नामपर सब कुछ न्योछावर करने को सदा तैयार रहती है। गाशाय कि निमार मन मुनि श्री वल्लभविजयजी (आचार्य श्री विजयवल्लभमरि) का सन् १९०० में अम्बाला शहर में चतुर्मास हुआ, अम्बाला शहर में जैनीयों की खासी वस्ती है, श्वेताम्बर जैनों के भी काफी घर हैं, परन्तु उनके बालकों की शिक्षा का उस समय कोई प्रबन्ध न था, आप के उपदेश से एक पाठशाला खोली गई, विद्याप्रचार का यह बीज अङ्कुरित हुआ, उनके आशीर्वचनों का यह फल है कि अब वह फलाफूला वृक्ष नकर श्री आत्मानंद जैन हाईस्कूल के रूपमें दृष्टिगोचर हो रहा है।
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का प्रारम्भिक पाठशाला ने कुछ वर्ष अच्छा उपयोगी कार्य किया, तत्पश्चात् स्थानीय आवश्यकताओं के कारण उसे प्राइमरी स्कूल का रूप दे दिया गया, आवश्यशताब्दि ग्रंथ ]
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