________________
दफा २६-२७]
हिन्दूलों के स्कूलोंका वर्णन
फर्स्टक्लास सबजज कोर्ट ज़िला ठाणे (वम्बई प्रांत) में गोद मंसूखी और अपने भाईकी जायदाद उत्तराधिकारके अनुसार पानेका दावा किया । सेठ जी चूरू के रहने वाले थे उनकी तरफ से कहा गया था कि मारवाड़में बनारस स्कूल प्रचलित है, प्रतिवादी इससे इन्कार करता था मारवाड़के बहुतसे प्रसिद्ध स्थानों तथा काशीके शास्त्रियोंकी साक्षियां वादीकी तरफ से ग्रन्थ कर्ताके. द्वारा दिलाई गयीं। ता० ५ दिसम्बर सन १९१४ ई० को अदालतने फैसले में कहा कि मारवाड़में बनारस स्कूल लागू होता है। दावा डिकरी हुआ इस केसमें रवाज इसी स्कूलके अनुसार साबित हुई। बम्बई हाईकोर्ट से ता०२६ मार्च सन १६१६ ई० को फैसला बहाल रहा जजोंने कहा कि विधवा विना आज्ञा पतिके दत्तक नहीं ले सकती देखो--सेठ खेमराज श्रीकृष्णदास बनाम रमानिवास केस नं०४०३सन१६११ई० दावा २५५१४० रु० फर्स्ट अपील नं०२०६ सन१६१५६० फैसला चीफ जस्टिस बम्बई हाईकोर्ट । व्यवस्था देखो दफा ११८ दफा २६ मिथिला स्कूल
मिथिला स्कूल उस प्रांतमें प्रचलित माना गया है जिसे प्राचीन समय में मिथिला कहते थे अर्थात् तिरहुत । तिरहुत संस्कृतके "तीरभुक्ति" शब्द का अपभ्रंश है इसमें आसपास के ज़िले शामिल हैं, तीरभुक्तिके नामसे जैसा कि प्रकट होता है वैसाही उस ज़िलेके तीनों तरफ तीन नदियां हैं । पश्चिम में गण्डक, पूरबमें कोशी और दक्षिणमें गङ्गा देखो--ट्रिबेलियन हिन्दूलॉ पेज ११; तथा जी०सी०सरकारका लॉ श्राफ् इनहेरीटेन्सका पेज ४४६, और प्राचीन मिथिलाके उस नङ्गशेको जो पी० सी० टगोरके विवाद चिन्तामणिके अनुवाद के साथ लगा है। तिरहुत के आसपासके ज़िलोंमें इस स्कूलको सन १३१४ ई० में चन्द्रेश्वरने और पंद्रहवीं शताब्दीमें वाचस्पति मिश्रने स्थापित किया था देखो--भट्टाचार्य हिन्दूलॉ दूसरा एडीशन पेज ४६
मिथिला स्कूल-मिताक्षरासे सूक्ष्म अन्तर पर है सुरेन्द्र मोहनसिंह बनाम हरीप्रसादसिंह 24 A.LJ. 33; (1926) M.W.N. 49; 5 Pat. 136; 91 I. C. 1033; 7 Pat. L.J. 97; 30 C. W. N. 482; A. I. R. 1925 P.C. 280; 50 M. L. J. 1 ( P. C. ),
मिथिला स्कूल, मिताक्षराका स्कूल है सिवाय उन चन्द मामलोंके, जिनके सम्बन्ध इस सितक्षरा लॉ से पृथक हैं। सुरेन्द्र मोहनसिंह बनाम हरि प्रसादसिंह 52 I. A, 418; 42 C. L. J. 592; A. I. R. 1925 P. C. 280; 50 M. L.J. 1 ( P. C.). दफा २७ बम्बई स्कूल-महाराष्ट्र स्कूल
यह स्कूल उस देशमें प्रचलित है जिसकी भाषा मराठी है देखो--ट्रिबेलियन हिन्दुलॉ पेज ११; बम्बई स्कूलके अन्तर्गत महाराष्ट्र स्कूल है जिसमें,