________________
६४०
बटवारा
[आठवां प्रकरण
दूरी भगवन्तलू बनाम टाईपात्री वीर अवधानलू (1909 ) 38 Mad. 246. में यह बात मानी गयी कि अधूरा बटवारा ज़बरदस्ती नहीं कराया जा सकता।
बटवारेका मुकद्दमा दायर हो जानेपर भी यदि वादी और प्रतिवादी राज़ी हों तो जायदाद या कोपार्सनरोंके सम्बन्धमें अधूरा बटवारा हो सकता है अर्थात् दोनों फरीकोंके राज़ी होनेपर अझैदावामें जितनी मुश्तरका जायदाद चाहें रखें और जितनी चाहें न रखें यह अधिकार प्राप्त है, देखो-चन्द्रशेखर बनाम कुन्दनलाल 31 All. 3. बाकी जायदाद पीछे बट सकती है। अदालत अधूरा बटवारा कभी नहीं करेगी। वह बट सकने वाली जायदादकी नाप जोख करके ठीक बटवारा करेगी।
पक्षपात युक्त बटवाराके बारेमें देखो जबकि आसामियोंके हाथमें जायबाद हो-जी० ए० सुब्रह्मनियन बनाम रामचन्द्रराव-85 I. C. 503; A. I. R• 1925 Mad. 333.
परिवारका अनेक शाखाओंसे संयुक्त होना उनमें से एक शाखका बटपारा हुआ अन्तिम बटवारेसे उन सदस्योंके अधिकारों में जो परिवारसे अलाहिदा नहीं हुये, कोई असर न पड़ेगा-नारायण शाह बनाम शङ्कर शाह A. I. R. 1927 Mad. 53. दफा ५३१ बटवारेसे जो जायदाद छूट गयी हो
जब कोपार्सनरी जायदादका कोई हिस्सा अकस्मात् या गलतीसे या जाल, फरेबसे बटवारेमें शामिल किया जानेसे रह गया हो तो उसका बटवारा कोपार्सनरोंमें पीछेसे भी किया जा सकता है और हर एक कोपार्सनर उसका ज़मरदस्ती बटवारा करा सकता है, देखो-योगेन्द्रीनाथराय बनाम घालादेवदास 35 Cal. 961; 12 C. W. N. 127; 13 C. W. 309; 1 All. 543; 10 Bom. H. C. 444.
अन्योन्यापहृतं द्रव्यं विभक्ते यत्तु दृश्यते तत्पुनस्ते समरंशैबिभजेरनिति स्थितिः। या०व्यव०१२६
मिताक्षराकार कहते हैं कि बटवारा किये पीछे जो धन भाइयोंमें परस्पर चुराया हुआ देख पड़े उसको वे समान भागोंमें फिर बांट लेवें । बल्कि मनुने तो यह कहा है कि अगर बड़ा भाई चुराये तो उसे फिर हिस्सा न मिले और राजा उसे दण्ड देवे, देखो मनु
यो जेष्ठो बिनिकुवर्ति लोभात् भ्रातृन्यवीयसः सो जेष्ठः स्याद भागश्च नियंतव्यश्वराजभिः। मनुह-२१३