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स्त्रीधन की बरासत
बम्बई हाईकोर्ट ने एक मुक़द्दमे में यह विचार्य्य विषय निकाला कि जब दो लड़कियोंमें एक विधवा हो, और दूसरी सधवा, तो क्या विधवाका हक़ केवल इसलिये अधिक माना जायगा कि वह विधवा होने की वजहसे गरीब है ? देखो - -2 Bom. H. C. 5; 6 Bom. H. C. A. C. 183.
दफा ७६५ ]
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बनर्जी कहते हैं कि जब लड़कियों की दशा और सब तरहसे समान हो तो निःसन्तान और विधवा लड़कियोंका हक़ अधिक माना जायगा, देखोबनर्जीलॉ आफ मेरेज 2 ed. P. 343.
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गरीब होने या न होनेका ख्याल केवल लड़कियोंकी वरासतके विषयमें ही किया जायगा । बहनों या दूसरी स्त्री वारिसोंके विषयमें ऐसा ख्याल विशेष कर बम्बई में नहीं किया जायगा -भागीरथीबाई बनाम बापा 6 Bom. 254. मदरासमें यह माना गया है कि स्त्रीधनकी वारिस होनेवाली कई लड़कियों में यदि एक मर जाय तो उसका हक़ दूसरी जीवित लड़कियोंमें माताकी वारिस की हैसियत से बट जाता है -3 Mad M. C. 312. इसपर बनर्जी आपत्ति करते हैं, देखो-लॉ आफ मेरेज 2 ed. P. 347.
जो लड़की वेश्या ( रण्डी ) होगयी हो उसका हक़ सब लड़कियोंके पीछे होगा; देखो - तारा बनाम कृष्णा 31 Bom. 495; 9 Bom. L. R.774. ( ४ ) बेटी की बेटी - सुब्रह्ममानियन चट्टी बनाम अरुणाचलमचट्टी 28 Mad. 1. और देखो मनु १-१६३ श्लोक -
यास्तासांस्युर्दुहितर स्तासमपियथार्हतः
मातामह्या धनात्किञ्चित्प्रदयं प्रीतिपूर्वकम् । मनुः
जब कई एक बेटीकी बेटियां हों तो वह सब आपसमें बराबर हिस्सा पावेंगी, यानी 'परस्टिरप्स' ( Per stirpes) देखो दफा ५५८.
( ५ ) लड़कीका लड़का - मिताक्षरा और व्यवहार - मयूखकी यही राय है, मगर बनर्जीके लॉ आफ मेरेज 2 ed. P. 356. में कहा गया है कि अगर लड़की ने कोई गोद लिया हो तो वह दत्तक पुत्र इसमें शामिल नहीं है ।
(६) पुत्र - करूपाई नाचियर बनाम शंकरनरायन चट्टी 27 Mad.300. बङ्गाल स्कूलमें लड़की के लड़केका हक़ पुत्रके पश्चात् माना गया है, देखो दफा ७७०. जहां पर कि पुत्र और दत्तक पुत्र दोनों हों वहांपर स्त्रीधन भी हफा २७० २७१, २८६. के क़ायदेके अनुसारही बटेगा । मिताक्षरामें कहा है कि
'दौहित्राणामभावे पुत्रा गृह्णाति'
यानी दौहित्र के अभावमें पुत्र स्त्रीधनके वारिस होंगे। मगर मिताक्षरामें 'पुत्राः' ऐसा शब्द कहा गया है इस शब्दसे पुत्रोंके पुत्र जिनका बाप मर गया