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बाल विवाह निषेधक एक्ट
नं० १९ सन् १९२९ ई.
भारतीय व्यवस्थापिका सभा द्वारा बनाये हुए निम्न लिखित एक्टको गवर्नर जनरल हिन्द महोदयकी स्वीकृति पहिली अक्टूबर सन् १९२९ ई. को प्राप्त हुई।
चूंकि बाल विवाहोंके रोकनेकी परमावश्यकता है इसलिये
नीचे दिया हुआ कानून बनाया जाता है :दफा १ नाम, विस्तार और आरम्भ
(१) यह एक्ट सन् १९२८ ई० का बाल विवाह निषेधक एक्ट ( The Child Marriage Restraint Act, 1928) कहलायेगा।
(२) इसका प्रयोग सारे ब्रिटिश भारतमें होगा जिसमें ब्रिटिश बिलोचिस्तान घ सन्थाल परगने भी शामिल हैं। (३) यह एक्ट पहिली अप्रेल सन् १९३० ई० से लागू होगा।
व्याख्याचूंकि इस एक्ट के लिये सन् १९२८ ई० में लेजिसलेटिव एसेम्बली द्वारा नियुक्त की हुई सिलेक्ट कमेटीने गवाहियां ली थीं तथा विचार किया था इस कारण उपदफा (१) के अनुसार यह एक्ट " सन् १९२८ ई. का बाल विवाह निषेधक एक्ट" कहलायेगा गो यह एक्ट लेजिसलेटिव एसेम्बली द्वारा ता० २३ सितम्बर
ई. को तथा काउन्सिल आफ स्टेट द्वारा ता. २० सितम्बर सन् १९२९ ई. को सिलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट पर विचार करनेके बाद बहुमतसे पास किया गया है और गवर्नर जनरल हिन्द महोदयने भी पहिली अक्टूबर सन् १९२९ ई० को अपनी स्वीकृति इस एक्टके लिये प्रदान की है। इस बातका ध्यान रहना चाहिये कि इस एक्टका नाम उपदफा (१) के अनुसार चाहे जो कुछ हो परन्तु यह एक्ट नवम्बर १९ सन् १९२९ ई. है अर्थात् इस एक्ट के पास होनेसे पहिले सन् १९२९ ई० में १८ एक्ट और पास हो चुके हैं तथा १९२९ ई.