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दान और मृत्युपत्र
[ सोलहवां प्रकरण
करके, जायदाद के लिये प्रोवेट प्राप्त करना ज़रूरी हो तो इस प्रकार से भेजी हुई नक़लसे अदालत वसीयतका सुबूत उस वक्त तक के लिये मान लेगी जब तक कि असली वसीयतनामा या उसकी वाज़ाबिता नक़ल न पेशकी जाय । दफा ८१६ प्रोवेट मिलनेकी दरख्वास्त में क्या लिखना चाहिये
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जब वसीयतका प्रोबेट अदालतसे मांगा जाय तो नीचे लिखी बातें प्रोबेट मिलने की अर्जी में लिखना आवश्यक होंगी, इस बारे में प्रोबेट एक्टकी दफा ६२ इस प्रकार है
दफा ६२ - जबकि प्रोवेट या लेटर्स आव एड मिनिस्ट्रेशन (दफा ५५८) अर्थात् जायदादपर अधिकार मिलने की दरख्वास्त की जाय तो अवश्य उसके साथ वसीयतनामा शामिल करना होगा और वह दरख्वास्त स्पष्ट रूपसे अङ्गरेजी या अदालतकी भाषा में लिखी जायगी तथा वसीयत या इस (प्रोवेट एक्ट) कानूनकी उपरोक्त दफा २४, २५ र २६ में कही हुई नक़ल, मसविदा या बयान जैसाकि उन दफाओं में बताया गया है शामिलकी जायगी । दरख्वास्त में नीचे लिखी बातें दर्ज की जायँगी
( १ ) वसीयत करने वालेकी मृत्युका समय ( तारीख व सन् )
(२) यह कि जो लिखत शामिल की गयी है वह उसकी आखिरी वसीयत है ।
( ३ ) यह कि वसीयत बाज़ाबिता लिखी गयी है ।
( ४ ) सम्पत्तिकी तादाद जो दरख्वास्त करने वालेको उस वसीयत के द्वारा मिलनेको है ।
(५) अगर दरख्वास्त प्रोवेट के लिये हो तो उसमें यह भी लिखना होगा कि दरख्वास्त करने वालाही वह आदमी है जिसका नाम वसीयत में लिखा है ।
( ६ ) अगर दरख्वास्त जिला जजकी अदालतमें की जाय तो पूर्वोक्त बातों के सिवाय यह भी लिखना होगा कि वसीयत करने वाला मरनेके समय उस जजके इलाक़े अखत्यारमें स्थायी निवास रखता था या उसकी कोई जायदाद थी। अगर दरख्वास्त जिला डलीगेटसे की जाय तो भी यह लिखना होगा कि मरने वाला उस डेलीगेटके इलामें रहता था ।
नोट - जिला डेलीगेटकी सृष्टि सम्भवतः कहीं पर सरकारने नहीं की ।