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दफा ७९१-७६२]
दानके नियम
तो माना जायगा कि दान लेने वालेको पूरे पूरे अधिकार उस जायदाद में नहीं प्राप्त हुये वह पूरा मालिक उस जायदादका महीं है, देखो - 1924 A. I. R. 191 Pri.
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दफा ७९२ दान देनेका अधिकारी कौन हैं
( १ ) हिन्दू अपने अधिकारकी किसी भी जायदादका इन्तक़ाल दान के तौरपर कर सकता है, देखो -1 Mad. H. C. 393; या उस जायदा इपर किसी दानका बोझा डाल सकता है, देखो - 7 Mad. 23.
( २ ) किसी शारीरिक दोष के कारण कोई हिन्दू यदि अपने वरासत का अधिकार काममें लानेसे बंचित किया गया हो तो भी वह अपने हक़ की. जायदादको दानके तौरपर दे सकता है, देखो - श्यामाचरण बनाम रूपदास बैरागी 6 W. R. C. R. 68.
(३) बाप या भाई ज़मीनका दान लड़की या बहनको कर सकता हैएक बापने मौरूसी जायदादका दान अपनी लड़की को दिया जिसका विवाह हुये ४० वर्ष हो चुकेथे जायज़ माना गया, देखो - 10 Indian Cases 56; 9 M. L. T. 469; 21 M. L. J 695, इसी तरहसे भाईने भी अपनी विवाहिता बहन के हक्रमें दान किया वह भी जायज़ माना गया 17 M. L. J. 528.
( ४ ) बापकी जायदाद, लड़की दान कर सकती है-एक हिन्दू लड़की जो बापके मरनेपर उसकी छोड़ी हुई जायदादकी उत्तराधिकारिणी हुई थी, उस जायदादका कुछ थोड़ासा भाग उसने बापके श्राद्धके अवसरपर दान कर दिया लड़की के पश्चात् वाले वारिस उसे कोई रुकावट नहीं डाल सकते जब कि जायदादका थोडासा भाग ऐसे कामोंके लिये बेचा या दान दिया जाय, 6 Indian Cases 240-242; 8M. L. T. 74.
(५) विधवा अपनी लड़की के विवादमें जायदादका योग्य भाग दान दे सकती है, देखो - 22 Mad. 113, 8 M. L. J. 170.
(६) कुष्ठी या घृणित रोग से पीड़ित -6 W. R 68.
(७) मौरूसी पट्टेदार - पंजाबका एक मुक़द्दमा है जिसमें ज़मीन के एक मौरूसी पट्टेदारने अपने भतीजे और दत्तक पुत्रको वह ज़मीन दान कर दी, जायज़ माना गया। यहांपर दान देनेवाले हीके खानदानके वे दोनों थे, और ज़मीनके वारिस होते 18 P. R. 1868 Civil.
भतीजे को दान पंजाबमें - जिला गुजरात तहसील खरियान के किसी गूजरको अधिकार है कि वह अपने किसी एक भतीजेको अपने जायदादका हिबा, अन्य भतीजोंको छोड़कर करे, जब कि दान पानेवाला भतीजा लड़कपन से ही उसीके द्वारा पाला गया है और हिबानामा उसकी (भतीजेको) सेवाओं