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दफा ८०६]
घसीयतके मियम
जायदाद 'ख' के उन पुत्रोंको बांट दी जाय जो उसके मरनेके समय १८ बर्ष के हों या इससे ज्यादा उमरके हों लेकिन अगर 'ख' की मौतके समय उसका कोई भी लड़का १८ वर्षका न हो तो वह जायदाद 'ग' को मिलेगी। मानागया कि अगर 'ख' के कोई पेसा पुत्र हो जो 'ख' के मरने की तारीखसे अठारह बर्षके अन्दर बालिग हो जाय तो भी वसीयत जायज़ रहेगी। यहांपर वसीयत करने वालेकी मौतके समय 'ख' का लड़का मौजूद न था।
(३) 'क' ने अपनी जायदाद अपनी नाबालिग लड़कियोंके लिये छोड़ कर वसीयतमें उस जायदादके ट्रस्टी नियत किये और यह हिदायतकी, कि अगर उसकी कोई लड़की नाबालिग्रीमें व्याही जाय तो उस लड़कीका जो लड़का १८ बर्षका हो उसको उस लड़कीके हिस्सेकी जायदाद मिले। इसमें यह आवश्यक है कि 'क' की वह लड़की 'क' के मरनेके समय मौजूद हो और उस लड़कीके मरनेसे १८ बर्षके अन्दर उसका लड़का १८ बर्षका हो जाय तभी उसको अपनी माके हिस्सेकी जायदाद मिलेगी। दफा ८०९ वसीयतके शब्द और वाक्योंपर विचार ...
अकसर वसीयतके मामलोंके शब्द और वाक्योंपर इसलिये ज्यादा गहरा विचार करना पड़ता है कि जिससे वसीयत करने वालेका मतलब और भाव स्पष्ट हो जाय । जिस किसी जगह कोई खास शब्द या वाक्य आ जाता है और वह शब्द या वाक्य ऐसा है, कि जिसका अर्थ दोनों पक्षकार मिन्न भिन्न रूपसे करते हैं, तो अदालतको स्वयं निर्णय करना पड़ता है कि वास्तवमें उसका अर्थ क्या है। यदि वास्तविक अर्थ समझने में उसे स्वयं सन्देह उत्पन्न हो तो फिर उस मुकद्दमेकी सब बातों और इर्दगिर्दके सब मामलोंको ध्यान में रखकर उन फैसलोंके असरके आधार पर निर्णय करना पड़ता है कि जो फैसले उस तरहके शब्दों या वाक्योंके निर्णय करनेके सम्बन्धमें पहले हो चुके हैं । यदि वैसे फैसले कोई महीं हैं तो फिर उसी मुकदमेकी सब बातोंके आधारपर निर्णय करना पड़ता है। जिन शब्दों या पाक्योंका उल्लेख जिस अर्थ या भावमें नीचे किया गया है प्रत्येक वैसे मामलेमें नहीं विचार करना चाहिये क्योंकि ऐसे शब्द और वाक्य एसी इबारतके साथ भी लिखे जा सकते हैं कि जिससे उनका अर्थ या भाव बिलकुल उलटा हो जायः इसलिये हर एक वसीयतनामेके शब्दों और वाक्यों तथा इर्दगिर्दके सब मामलों के साथ मतलब लगाना पड़ता है। नीचे कुछ उदाहरण देखो(१) 'मालिक'-इसका अर्थ यह माना गया कि वह आदमी या स्त्री
जिले इन्तकाल आदिके सब पूरे अधिकार जायदाद में प्राप्त हों; देखो-8C. L.J. 20; 1 S.L. R. 211; 2 I. A. 7; 14 B. L. R. 226; 11 Bom. 697 14 Bow. 19 Bom. 491; तथा