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उत्तराधिकार- ..
[नवां प्रकरण
7. : हर एक बन्धुको मृतपुरुषका कमसे कम एक स्त्री द्वारा ज़रूर ही सम्बन्ध होना चाहिये, दो स्त्रियोंके द्वारा जो सम्बन्ध होता है वह भी बन्ध कहलाते हैं। देखो-कृष्णा बनाम बेंकट राम 29 Mad. 115; वेंकटगिरि बनाम चन्द्ररू 23 Mad.123; पारोट बापालाल बनाम महता हरीलाल19Bom.631. और जहांपर दो स्त्रियोंसे ज्यादाके द्वारा सम्बन्ध जुड़ता हो तो उसे भी वन्धु कहते हैं अर्थात् मृतपुरुष और जिल रिश्तेदारके बीचमें कोई पूर्वज स्त्री हो तो वह भी बन्धु कहलायेगा। दफा ६३४ मिताक्षराके बन्धु-मिताक्षरा
"वन्धवश्व त्रिविधाः प्रात्मबन्धवः पितृ बन्धवो मातृबन्धवश्वेति । यथोक्रम् । अात्म पितृष्वसुः पुत्रा प्रात्ममातृध्वसुः सुताः । आत्ममातुलपुत्राश्च विज्ञेयाह्यात्मवान्धवाः ।। पितुः पितृष्वसुः पुत्राः पितुर्मातृष्वसुः सुताः। पितुर्मातुलपुत्राश्व विज्ञेयाः पितृबान्धवाः ॥ मातुः पितृष्वसुः पुत्रों मातुर्मातृष्वसुःसुताः मातुर्मातुल पुत्राश्व विज्ञेया मातृवान्धवाः ॥इति।।तत्र चान्तरङ्गत्वात्प्रथममात्मबन्धवो धनभाजस्तदभावे पितृबन्धवस्तदभावे मातृबन्धव इति कमो वेदितव्यम ॥" . मिताक्षरामें बन्धु तीन तरहके माने गये हैं--(१) आत्मबन्धु-अपने बन्धु । (२) पितृबन्धु--बापके बन्धु । (३) मातृ बन्धु-माके बन्धु । ... इन तीनों बन्धुओंमें हर एकके अन्दर तीन, तीन रिश्तेदार हैं । जैसे
मिताक्षरामें कहे हये बन्धु
मिताक्षरामें कहे हुए बन्धु यह हैं-- १.१२-पितृष्वसुः पुत्राः । बापकी बहनके लड़के-बुवाके लड़के २३२-मातृष्वसुः सुताः माकी बहन लड़क-मौसीक लड़के ३३-मातुल पुत्रा:- माकं भाई के लड़के-मामाक लड़क ११:पितु:पितृष्वसुःपुत्राः पितामहकी बहनके लड़के-दादाकी बहन लड़के २२ पितुर्मातृष्वसुःसुताः पिताकी माकी बहन के लड़के ३६३-पितुर्मातुल पुत्राः । पिताकी माके भाईक लड़के १.११-मातुःपितृष्वसुःपुत्राः माके बापकी बहन के लड़के-नानाकी बहनके पुत्र २२-मातुर्मातुष्वसुःसुताः .माकी माकी बहन के लड़के-नानीकी बहनके पुत्र ३३-मातुर्मातुलपुत्राः माकी माके भाई के लड़के-नानीके भाईके पुत्र.
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