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दफा ६३६ - ६३७ ]
बाप ७
बाप ६
बाप ५
मा २
बाप १
बन्धुओंमें वरासत मिलने का क्रम
बाप ४
बाप ३
बाप २
बाप १०
बाप ६
T
बाप ५
मा १
मृत पुरुष
लड़की
७६३
बाप १२
1
बाप ११
1 मा ३
मृत पुरुष
कलकत्ता हाईकोर्ट की रायके अनुसार ऊपर बताये हुए आदमियोंकी पांच डिगरी तककी औलादमें से मृतपुरुष के स्त्री द्वारा रिश्तेदार सबही बन्धु नहीं होते बक्लि इस हाईकोर्ट में यह माना गया है कि कोई आदमी बन्धु नहीं हो सकता जब तक कि मृतपुरुष उसके नानाकी या उसके बापके नानाकी या उसकी मार्के नानाकी लाइनमें न हो। इस सिद्धान्त के अनुसार हर सूरत में नीचे बताये हुए रिश्तेदार यद्यपि पांच पीढ़ी के अन्दर हैं मगर बन्धु नहीं माने जायेंगे । जैसे -- ( १ ) लड़की की लड़कीके लड़केका लड़का ( २ ) लड़की के लड़केके लड़केका लड़का ।
लड़का
लड़की
लड़का
लड़का
लड़का (२)
- लड़का ( १ )
ऊपरके नक़शेमें जहांपर मृतपुरुष लिखा है उस स्थानको मृतपुरुष या मृतपुरुषकी लाइनमें किसी पूर्वजको मानो । नम्बर १ और २ के नाना या उसके बापके नाना या उनकी माके नानाका 'मृतपुरुष' का स्थान नहीं हो सकता; अर्थात् 'मृतपुरुष' नम्बर १ और २ का नाना, या उसके बापका नाना, या उनकी माका नाना, नहीं है और न उनकी लाइनमें है; इसीलिये नम्बर १ और २ मृतपुरुष बन्धु नहीं हैं।