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स्त्रियों के अधिकार
[ग्यारहवां प्रकरण
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दयालसिंह शर्मा बनाम ग्रीशचन्द्र मुकरजी 17 Cal. 911. भुवनमोहन बनर्जी बनाम मदनमोहनसिंह 1 Shome's L. R. C. R. 3. बम्बई स्कूलमें स्त्रियां पूरी मालिक होती हैं।
(२) जब किसी स्त्रीके पास कोई जायदाद या धन, स्त्रीधनके तौर पर हो, तो वह जायदाद या धन उस स्त्रीके मरनेपर जब दूसरी किसी स्त्री के पास वरासतमें जायगा तो उस वक्त वह जायदाद या धन स्त्रीधन नहीं रहेगा। वरासतसे पायी हुई जायदादकी शर्ते उसमें लागू होंगी-30 I. A. 2027 25 A.l. 468; 5 Bom. L. R. 828; 17 Cal.911.
(३) मिताक्षरा स्कूल में जब कोई जायदाद वरासतमें किसी विधवास्त्री, बेटी, मा, दादी, और परदादीको मिलती है तो उसमें इनका महदूद हक्क होता है, यानी यह जायदादमें पूरे मालिकाना अधिकार नहीं रखतीं। मगर बम्बई स्कूलमें यह बात नहीं मानी जाती। वहांपर दूसरा कायदा लागू किया गया है । इस विषयपर नजीरें बहुत हैं--विधवाके अधिकार महदूद होने में भगवानदीन दुबे बनाम मैना बीबी 11 M. I. A. 487; 9 W. R. (P.C.)23. मनीराम बनाम केरीकोलीटानी 7 I. A..115, 1545 Cal.7763 6 Cal.L. R. 322. लड़कीके अधिकार महदूद होने में--छोटेलाल बनाम छुन्नीलाल 6 I. A. 15; 4 Cal. 744; 3 Cal. L. R. 465; 14 B. L. R. 246. माके अधिकार महद्द होने में--बम्बई में भी मा और दादीका अधिकार महदूद रखागया है, बम्बई स्कूलकी नजीरें देखो-ब्रजभूषणदास द्वारिकादास बनाम पार्बती बाई (1907) 32 Bom. 2; 9 Bom. L. R. 1187; 21 Bom. 739, 744. मदरास स्कूलमें 8 Mad. H. C. 88. बनारस स्कलमें, जलेसर कुंवर बनाम उगुरराय 9 Cal. 725; 12 C. L. R. 460. मिथिला स्कूलमें जैसा कि बनारस स्कूलमें कहा गया है। बङ्गाल स्कूलमें ( 1908) 36 Cal 75. 12 C. W. N. 1002.
___(४) जय किसी स्त्रीको उत्तराधिकारमें आखिरी पूरे मालिककी खुद कमाई हुई जायदाद मिलती है तो उसपर भी उस स्त्रीका महदूद अधिकार रहता है जैसाकि ऊपर कहा गया है, देखो--नामा सिवय्याचट्ठी बनाम सिवागमी (1863) 1 Mad. H. C. 374.
(५) इनामके तौरसे मिली हुई किसी किस्मकी जायदाद जो बम्बई और मदरास प्रान्तमें होती है, चाहे वह विधवाके नामसे हो, तो भी उसका उसमें पूरा अधिकार नहीं रहता।।
(६) जायदादके अधिकारकी सूरत नहीं बदल सकती--अर्थात् कोई स्त्री जिसे महदूद अधिकार प्राप्त हैं, वह अपने अधिकारको जो उसे जायदादमें प्राप्त हैं, नहीं बदल सकती, यानी वह जिस हैसियतसे जाय