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दफा ७५६]
स्त्रीधन क्या है
ऊढ़याकन्ययावापि पत्युः पितृगृहेथवा भर्तुः सकाशात् पित्रोर्वा लब्धं सौदायिकं स्मृतम् । सौदायिकं धनं प्राप्य स्त्रीणां स्वातन्त्र्य मिष्यते यस्यात्तदा नृश स्यार्थं तैर्दतं तत्पजीवनम् सौदायिक सदा स्त्रीणां स्वातन्त्र्य परिकीर्तितम् विक्रये चैव दानेच यथेष्टं स्थावरे ष्वपि । कात्ययनः सुदायसंबन्धिभ्यो लब्धं सौदायिकम् । दायभागे
विवाही हुई कन्याको पतिके घरपर या पिताके घरपर भाई या माता पितासे जो धन मिले वह सौदायिक है । इस धनपर स्त्रीका पूरा अधिकार होता है। वह चाहे ऐसे धनको बेच दे या दान करदे या जैसा जी में आवे करे। उसे कोई रोक नहीं सकता क्योंकि वह सब स्त्रीधन है। यही बात कानूनमें भी मानी गयी है, देखो-भाई या चाचाके पुत्रका दिया हुआ धन स्त्रीधन है-6 Beng. Sel. R. 77 (2 Ed. 90.). पुत्रका दिया हुआ धन स्त्रीधन है-दुर्गाकुंवर बनाम तेजकुंवर (1866) b W. R. M. B. 53. बाप का दिया हुआ धन स्त्रीधन है-मदवाराव्या बनाम तीर्थसामी 1 Mad.307. पतिका दिया हुआ धन स्त्रीधन है-जीवनपण्डा बनाम सोमा 1 N. W. P. "66; 10 W. R.C. R. 139; 2 Mad. 333; 8 Cal. L. R. 304, 6 N W. P. 279. भाईका दिया हुअाधन स्त्रीधन है-बसन्तकुमारीदेवी बनाम कामाक्षा देवी 32 I. A. 181; 33 Cal. 23; 10 C. W.N. 137 Bom L.R. 904. मुनिया बनाम पूरन 5 All. 310; i Cal. 275. इस कलकत्तेके केसमें पतिके बापकी बहनके लड़केने धन दिया था--30 Bom. 229; 7 Bom. L.R.936
जब पतिने हिवानामा या वसीयतके द्वारा धन दिया हो-दामोदर माधोजी बनाम परमानन्ददास जीवनदास 7 Bom. 165, 11 B.L.R. 286%; और जब बापने ऐसा धन दिया हो-19 W. R. O. R. 264.
जायदादका मौखिक दान-तहरीर द्वारा अधिकारकी प्राप्ति, देखोकानून मियाद आर्टिकल 144..3 0. W. N. 536. दफा ७५६ स्त्रीधनके खर्च करनेका अधिकार
क्वारेपनमें सिर्फ नाबालिगीके कारण जो अयोग्यता होती है उसके सिवाय और कोई रोक क्वारी स्त्रीके लिये अपना स्त्रीधन खर्च करने में नहीं है। अर्थात् क्वारेपनमें भी उसे स्त्रीधनपर पूरा अधिकार खर्च करनेका होता