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उत्तराधिकार
[नवां प्रकरण
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(५) पितामहकी मा, पितामहका बाप, और उनकी दो पहिली पीढ़ी
यानी उनके पुत्र, पौत्र। (६) प्रपितामहकी मा, प्रपितामहका बाप, और उनकी पहिली दो
पीढ़ी यानी उनके पुत्र, और पौटं। (७) प्रपितामहके बापकी मा, प्रपितामहको पितामह, और उनकी
पहिली दो पीढ़ी यानी उनके पुत्र, पौत्र। (८) प्रपितामहके पितामहकी मा, प्रपितामहके प्रपितामह, और
उनकी पहली दो पीढ़ी यानी उनके पुत्र, पौत्र। (१) मृत पुरुषके नीचेकी शाखा में पिछली तीन पीढ़ी यानी प्रपौत्र
- को पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपत्रिका प्रपौत्र। (१०) यापकी शाखामें पिछली चार पीढ़ी यानी उसके प्रपौत्र,प्रपौत्रका
पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपौत्रका प्रपौत्र । (११) पितामहकी शाखामें पिछली चार पीढ़ी यानी उसके प्रपौत्र,
प्रपौत्रका पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपौत्रका प्रपौत्र । (१२) प्रपितामहकी शाखामें पिछली चार पीढ़ी यानी उसके प्रपौत्र,
प्रपौत्रका पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपौत्रका प्रपौत्र । (१३) प्रपितामहके बापकी शाखामें पिछली चार पीढ़ी यानी उसके
प्रपौत्र, प्रपौत्रका पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपौत्रका प्रपौत्र। . (१४) प्रपितामहके पितामहकी शाखामें पिछली चार पीढ़ी यानी
- उसके प्रपौत्रं, प्रपौत्रका पुत्र, प्रपौत्रका पौत्र, प्रपौत्रका प्रपौत्र । (१५) प्रपितामहके प्रपितामह की शाखामें पिछली चार पीढ़ी यानी ___ उसके प्रपौत्र प्रपौत्रके पुत्रं, प्रपौत्रके पौत्र, प्रपौत्रके प्रपौत्र ।
इस सिद्धान्तमें यह माना गया कि वापके भाई (चाचा) का लड़का, बमुकाबिले भाईके पोतेके नज़दीकी वारिस होता है क्योंकि यह माना गया है कि दूसरी पीढ़ी वाले हमेशा तीसरी पीढ़ी वालोंसे पहिले वारिस होते हैं। देखो यहांपर भाईका पोता तीसरी पीढ़ीमें है और चाचाका बेटा दूसरी पीढ़ी में, इसलिये भाईके पोतेसे पहिले वारिस हो जाता है। इस सिद्धान्तके अनु. साप नीचेका नक्शा देखो- ..