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दफा ६००-६०१]
मर्दोका उत्तराधिकार
दफा ६०१ बम्बई प्रांतके दूसरे हिस्सोंमें वरासत मिलनेका क्रम .. बम्बई द्वीप, गुजरात और उत्तरीय कोकन को छोड़कर बाकी बम्बई प्रांतके दूसरे हिस्सोंमें वरासत मिलनेकाक्रम, नीचे लिखे अनुसार है। अर्थात् पहिले कहे हुए वारिसके न होनेपर उत्तराधिकार दूसरेवारिसको मिलता है।
वरासत के क्रमका नं
बारिस
लड़की
16Mxa
हका जो गरीब हो
१-३ लड़का, पोता, परपोता
विधवा ( मृत पुरुषकी स्त्री) (१) बिन ब्याही लड़की (क्वारी) (२) ब्याही लड़की (३) ब्याही लड़की जो धनवान हो लड़कीका लड़का ( नेवासा-दौहित्र) माता बाप (१) सहोदर माई (सगा) (२) मित्रोदर भाई (सौतेला) भाईका लड़का (भतीजा) (१) सहोदर भाईका लड़का ( सगे भाई का पुत्र) । (२) मिन्नोदर भाईका लड़का (सौतेले भाईका पुत्र) भाईके लड़के का लड़का-(देखो नीचे नोट) बापकी मा ( दादी) बहन लड़केकी विधवा पोतेकी विधवा परपोतेकी विधवा सौतेली मा भाईकी विधवा
भाईके लड़केकी विधवा २०
पितामह (दादा)
बापका भाई (चाचा) २२ बापके भाईका लड़का
बापकी सौतेली मा २४ बापके भाई की विधवा (चाचाकी विधवा)
बापके भाईके लड़केकी विधवा . २६ पितामहकी मा २७ प्रपितामह
नोट-भतीजेके लड़केका स्थान निश्चित नहीं है मगर इलाहाबाद हाईकोर्टने इसका यही स्थान माना है। ज़रूरी नोट-दफा १०० के नीचे देखिये।
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