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६. mmmmmmmmms
उत्तराधिकार
[नवां प्रकरण
आज कल यही क्रम माना जाता है। +मा४४ - बा४५
+मा३६ - बा४०
+मा३४ - बा३५
मा१७
बा१८
३६ ४२
मा१२- बा१३
१६.३७ ४३
मा ७- बाद
१४ २० ३८ ५२
५७
विधवा४---मृतपुरुष लड़की ५
ल लड़कीका ल२१(१-३) लड़का
६ १५ २१ ४६ ५३ १. १६ ३१ ५० ५४
११ २८ ३२ ५१
२५ २६ ३३
ल२२
२६ ३०
ल२३
२७
ल२४ + पूरी तौर पर यह निश्चित नहीं है कि नं०३४, ३६, ४४ सपिण्ड हैं। बहुत करके तो माने जाते हैं और मानना चाहिये।
(१) मृत पुरुष-वह है जो पुरुष जायदादका आखिरी पूरा मालिक था. (२) 'ल' से मतलब लड़केसे है। 'या' से बाप और 'मा' से माता। (३) मृत पुरुषकी नीचेकी लाइन 'ल १' से शुरू होकर सीधी 'ल२४'
तक गयी है। और ऊपकी प्रधान लाइन 'बा' से शुरू होकर सीधी 'बा ४५' तक । ऊपरकी प्रधान लाइनमें हर एकके बराबर जो 'मा' हैं वह उनकी पत्नियां हैं जैसे 'बा' की पत्ती 'मा ७ है।
इसी तरह समझो। (४) ऊपरकी प्रधान लाइनमें जो शाखायें लटकी हुई हैं हर एककी
'भिन्न शाखा' हैं। प्रधान शाखा मृत पुरुषके ऊपर और नीचे सीधी लाइनकी है। बाकी सब 'भिन्नशाखा' कहलाती हैं।