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दफा ६०३]
सपिण्डोंमें वरासत मिलनेका क्रम
लड़कीका लड़का हो तो अनौरस.पुत्र आधा हिस्सा पायेगा और दूसरा आधा हिस्सा विधवा, लड़की या लड़कीके लड़केको मिलेगा। अगर विधवा, लड़की या लड़की का लड़का न हो तो अनौरस पुत्र सब जायदाद पायेगा देखो-शेष गिरि बनाम गिरेवा 14 Bom. 282. राही बनाम गोबिन्द 1 Bom. 97; साहू बनाम वाइजा 4 Bom. 37. रामकाली बनाम जम्मा 30 All. 508, मीनाक्षी बनाम अप्पाकुटी ( 1909) 33 Mad. 226; अन्नाय्यान बनाम चिन्नन 33 Mad. 366
ऊपर यह बताया गया है कि अनौरस पुत्रको औरस पुत्रके हिस्सेसे आधा हिस्सा मिलता है मगर इस 'आधे' का मतलब इस जगहपर क्या होना चाहिये इस बातपर मतभेद है। देखिये मेन और सरकार हिन्दूलॉ के अनुसार तो अनौरस पुत्र उस हिस्सेका आधा हिस्सा लेता है जितना कि उसे औरस पुत्र होने की सूरतमें मिलता यानी अनौरस पुत्रको एक चौथाई हिस्सा मिलेगा और तीन चौथाई हिस्सा । औरस पुत्र को मिलेगा। ऐसा मानों कि एक आदमी दो पुत्र छोड़कर मर गया जिनमें से एक औरस और एक अनौरस है। अगर दोनों पुत्र औरस होते तो आधा आधा हिस्सा मिलता अनौरस होनेकी वजेहसे आधेका आधा हिस्सा मिला, यही शकल उस सूरत में लागू होगी जब कोई एकसे ज्यादा औरस पुत्र और अनौरस पुत्र छोड़कर मर जाय; यानी जितना हिस्सा औरसको मिलेगा उसका आधा अनौरसको मगर 'आधा' उपरोक्त रीतिसे शुमार किया जायगा।
मदरास हाईकोर्टके अनुसार यह माना गया है कि जितना हिस्सा औरस पुत्रको मिलेगा उस हिस्सेका आधा अनौरस पुत्र पायेगा अर्थात् दोहि हाई औरस पुत्र और एक तिहाई अनौरस पुत्र; देखो-चिल्लामममाल बनाम रंगनाथं ( 1910 ) 34 Mad.2 77.
शूद्रोंमें गैर कानूनी पुत्रको, बमुकाबिले कानूनी या दत्तक पुत्रके उस हिस्सेका आधा हिस्सा मिलता है जो कि उसे उस सूरतमें मिलता जबकि वह कानूनी पुत्र होता, न कि उस हिस्सेका प्राधा जो कि दूसरे हिस्सेदार पाते हैं-34 M. 277. का फैसला प्रिवी कौन्सिलके 46 M. 167. के फैसले द्वारा रद्द कर दिया गया है। प्रतिनिधित्वका सिद्धान्त, जो कि कानूनी पुत्रों के वरासतके सम्बन्धमें लागू होता है वही गैर कानूनी पुत्रोंके सम्बन्धमें भी लागू होता है 25 M.619. शूद्रके दत्तक पुत्र भऔर गैर कानूनी पुत्रके मुकाबिलेमें गैर कानूनी पुत्रको कानूनी पुत्र मानना सब प्रकारसे न्याय विरुद्ध होगा और यह फर्ज करना कि दत्तकका रस्म इस प्रकार कानूनी पुत्रके बाद हुआ, और इस कारणसे दत्तक नाजायज़ हुआ और इससे यह परिणाम निकाला कि गैरकानूनी पुत्र तमाम जायदादका मालिक हुआ,और इसके बाद वह जायदाद आधी आधी तकसीम कीगई और इस प्रकार आधी जायदाद दत्तक पुत्रको