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मदका उत्तराधिकार
दफा ५८६ ]
सपिण्ड सत्तावन होते हैं देखिये -
( १ ) ल १ से ल ६ तक (२) बा १ से बा ६ तक ( ३ ) बा १ की ल ४ ) बा २ की ल
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...
१ से ल ६ तक १ से ल ६ तक
१
से ल ६ तक
१
(५) बा ३ की ल (६) बा ४ की ल से ल ६ तक (७) बा ५ की ल १ से ल ६ तक (८) बा ६ की ल १ से ल ६ तक ( 8 ) मा १ से मा ६ तक (१०) विधवा, लड़की, दोहिता
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समानोदक एक सौ सैंतालीस होते हैं, देखिये
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हैं । सपिण्ड और समानोदक मिलकर २०४ होते है 'सकुल्य'
इसी से उत्तराधिकार में सकुल्यकी जरूरत नहीं रही ।
( १ ) ल ६ के नीचे स ७ से स १३ तक (२) बा १ की ल ६ के नीचे स ७ से स १३ तक (३) वा २ कील ६ के नीचे स ७ से स १३ तक ( ४ ) बा ३ की ल ६ के नीचे स ७ से १३ तक (५) बा ४ की ल ६ के नीचे स ७ से १३ तक (६) बा ५ की ल ६ के नीचे स ७ से स १३ तक (७) बा ६ की ल ६ के नीचे स ७ से स १३ तक (८) बा ७ और उसके १३ वंशज (१) बा ८ और उसके १३ वंशज (१०) बा ६ और उसके १३ वंशज ( ११ ) बा १० और उसके १३ वंशज (१२) बा ११ और उसके १३ वंशज (१३) बा १२ और उसके १३ वंशज (१४) बा १३ और उसके १३ वंशज
सपिंडका जोड़
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१४
१४
१४
१४
१४
समानोदकोंका जोड़
१४७
नोट - उत्तराधिकार में पहिले सपिण्ड और पीछे समानोदक और उनके पीछे बन्धु वारिस होते.
सपिण्डकी ५७ पीढी के अंतर्गत होते हैं ।