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गा०दफा ६-१० ]
गार्जियन एण्ड वाईस
- दफा ८ वह लोग जिनको दरख्वास्त देनेका अधिकार है
पिछली दफा अर्थात् दफा ७ के अनुसार उस समय तक हुक्म न दिया जावेगा जब तक कि नीचे दिये हुए लोगों में से किसी का निवेदन पत्र न आजावे:---
(ए) वह व्यक्ति जो नाबालिग़का वली बनना चाहता है या जो अपनेको उसका वली घोषित कराना चाहता है;
(बी) नाबालिग़का कोई सम्बन्धी या मित्रः
(सी) उस जिले या उस जगहका कलक्टर जहां नाबालिग अधिकतर रहता हो या जहां उसकी जायदाद हो;
(डी) वह कलक्टर जिसे नाबालिग के सम्बन्धियोंके लोगों पर अधिकारहो ।
- दफा ९ वह अदालतें जो दरख्वास्तें लेंसकती हैं
(१) नाबालिग़की जातका वली बननेके लिये दरख्वास्त उस अदालत ज़िला (District Court) में दी जावेगी जिसके अधिकार सीमामें नाबालिग अधिकतर रहता हो ।
(२) नाबालिग्रकी जायदादका वली बननेके लिये दरख्वास्त या तो उस अदालत ज़िला ( District Court) में दीजासकती है जिसके अधिकार सीमा नाबालिग अधिकार रहता हो या जिसके अधिकार सीमामें उस नाबालिग की जायदाद हो ।
( ३ ) यदि नाबालिग़की जायदादका वली बननेके लिये किसी ऐसी अदालत ज़िला (District Court) में दरख्वास्त दीजावे जिसके अधिकार सीमा नाबालिग अधिकतर न रहता हो और उस अदालतकी रायमें वह दरख्वास्त उस ज़िला अदालत द्वारा जिसकी सीमामें नाबालिग अधिकतर निवास करता हो भलीभांति सुनी जासकती हो तो उस अदालतको अख्तियार है कि ऐसी दरख्वास्तको लौटा देवे ।
- दफा १० दरख्वास्त का तरीका ( फार्म )
( १ ) कलक्टर द्वारादी जाने वाली दरख्वास्तोंको छोड़कर और जो दरख्वास्तें वली बननेके लिये दीजावें वह प्रार्थना पत्रके रूपमें होना चाहिये तथा उनपर दस्तखत व तस्दीक ठीक उसी प्रकार होना चाहिये जिस प्रकार जाबता दीवानेके अनुसार अर्जीदावे पर दस्तखत व तस्दीक होती है तथा उन दरख्वास्तों में जहांतक ठीक ठीक मालूम होसके नीचे दीहुई बातोंका उल्लेख होना चाहिये:
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