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गादफा ४३-४५]
गार्जियन एण्ड वार्डसः
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दफा ४५ अवहेलना करने पर दण्ड (१)(ए) अगर दफा १२ (१) के अनुसार कोई व्यक्ति जिसकी देख
रेखमें नाबालिरा हो, नाबालिगको पेश न करे या पेश न होने दे या दफा २५ (१) के अनुसार अपनी पूरी शक्ति नाबालिगको अपने वलीके देख रेखमे वापिस जाने के लिये न लगावे तो उस व्यक्ति पर अदालतकी आशानुसार १००) एक सौ रुपये तक जुर्माना होगा या उस वक्त तक, जब तक कि आशा न पालन की जावे १०) दस रुपया प्रति दिनके हिसाब से जुर्माना ५००) पांच सौ रुपये तक किया
जा सकेगा और वह व्यक्ति जेल दीवानीमें उस वक्त तक बन्द किया जा सकेगा जब तककि वह नाबालिराको पेश न करे या पेश न होने दे या नाबालिगको वापिस जाने
जानेके वाध्य न करे। (बी) अगर अदालत द्वारा नियुक्त या घोषित किया हुआ वली
दफा ३४ (बी) के अनुसार दिये हुये समयमें अपना बयान न पेश करे या दफा ३४ (सी) के अनुसार हिसाब न दिखलाये या दफा ३४ (डी) के अनुसार हिसाबमें दिखलाया हुआ बचतका रुपया अदालतमें न दाखिल करे तो उस वलीपर १००) सौ रुपये तक जुर्माना होगा या जबतक ऊपर कहा हुआ बयान हिसाब या रुपया न दाखिल किया जावे १०) दस रुपये प्रति दिनके हिसाबसे ५००) पांच सौ रुपये तक जुर्माना अदालत करेगी या उसको तब तक दीवानी जेल में बन्द कर सकेगी जब तक कि बयान हिसाब या रुपया
दाखिल न किया जावे। (सी) अगर कोई व्यक्ति जो वली नहीं रहा है या उसका उत्तरा
धिकारी दफा ४१ (३) के अनुसार जायदाद नहीं देता है या हिसाब नहीं दाखिल करता है तो अदालत उसपर १००) तक जुर्माना कर सकेगी या जब तक जायदाद न दी जावे १०) दस रुपया प्रति दिनके हिसाबसे जुर्माना ५००) पांच सौ रुपये तक कर सकेगी व उसे दीवानी जेलमें भी उस समय तकके लिये बन्द कर सकेगी जब तक कि वह जाय
दाद या हिसाब न दिया जावे। (२) अगर ऊपर कही हुई उपदफा (१) के अनुसार कोई व्यक्ति वादा करनेपर जेलसे मुक्त कर दिया जावे या वह फिर भी अदालत द्वारा