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दफा ४७६ ]
पुत्र और पौत्रकी जिम्मेदारी
ज़मानत-हिन्दू प्रपौत्रपर उस ज़मानतके कर्जेकी पाबन्दी है जो उसके पितामहपर, किसी व्यक्तिकी ज़मानत करनेके कारण, जो गार्जियन एण्ड वार्ड्स एक्ट के अनुसार वली मुक़र्रर किया गयाहो, हुआ हो; बृजनाथप्रसाद बनाम बिन्धेश्वरी प्रसादसिंह 6 Pat. L. I. 560; 86 I.C. 791 (2);A. 1. R. 1925 Patna. 609.
मिताक्षराके अनुसार पुत्रोंको माताका ऋण चुकाना चाहिये, तद्यपि ऋण चुकानेके बाद जो बाकी रह जाता है लड़की उसकी वारिस होती है। माधवराव हरबा जी बनाम अम्बा बाई लक्ष्मन 85 I. C. 193; A. I. R. 1925 Bom 125.
पिता और पुत्रमें बटवारा हो जाने के पश्चात पिताके क़र्जका जिम्मेदार पुत्र नहीं होता, जगदीशप्रसाद बनाम श्रीधर A. I. R. 1927 All. 60.
ज़मानतका क़र्जा--एक हिन्दू पुत्रपर, पिता द्वारा किये हुए ज़मानत नामेकी, जो उसने हाजिरी या ईमानदारीके सम्बन्धमें किया हो, पाबन्दी है। निदवोलू अटचूटम् बनाम रतनजी 23 L. W. 193; (1926) M. W. N. 268; 49 Mad.211; 92 1. C. 9773 A. I. R. 1926 Mad. 3235 50 M. L.J. 208.
पिता द्वारा अन्य सदस्यके साथ किया हुआ ऋण--पुत्रपर अदाईकी पाबन्दी है; सुरेन्द्र मोहनसिंह बनाम हरीप्रसादसिंह24 A.L.J. 33; (1926) M. W. N. 49; 5 Pat. 1357 91 I. C. 1033: 7 Pat. L. 1. 97, 30 C. W. N. 482; A. I. R. 1925 P. C. 80% 50 M. L J. 1 (P. C.)
खान्दानके सम्बन्धमें पिताकी नालिश-पुत्रोंपर कितनी पाबन्दी है-- हुलेम माह लो बनाम सण्ट साहो A. I. R. 1925 Pat. 308.
धार्मिक पाबन्दी--पुत्रपर, पिताके खिलाफ़ उस डिकरीका, जो मुनाफा जायदादके उस समयके सम्बन्धमें, जब कि वह उसपर नाजायज़ रीतिपर क्राबिज़ रहा हो, धार्मिक रीतिपर ( Pious) पाबन्दी है। इस प्रकारका मुनाफा, न दण्ड और न जुर्मानाके रूपमें है और न यही कहना सम्भव है कि वह ऋण या कर्ज नहीं है, पलानिवेल रामसुब्रामनिया पिल्ले बनाम सिवकामी अम्माल 21 L. W. 6063 (1925) M. W. N. 371; 90 I. C. 165; A. A. I. R. 1925 Mad. 841.
पुत्रकी जिम्मेदारी-पिता द्वारा दूसरे सदस्योंके सहित लिया हुआ कर्ज-लड़केपर जिम्मेदारी है। सुरेन्द्र मोहनसिंह बनाम हरिप्रसादसिंह 52 I. A. 418; 42 C. L.J.592; A. I. R. 1925 P.C. 280; 50 M. L. J. 1 ( P. C.)
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