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पैतृक ऋण अर्थात् मौरूसी कर्जा
[सातवां प्रकरण
__जब इन्तकाल पिता द्वारा किया जाता हो तो उस व्यक्तिका, जिसके हकमें इन्तकाल हो रहा हो, कर्तव्य है कि क़र्जकी यथार्थता की जांच करे, गिरधारीलाल बनाम किशनचन्द 85 I. C. 463; A. I.R. 1925 Lah 240.
___ महाजन जो किसी खान्दानी जायदादपर, जो उसके मेनेजर को रेहनमें कर्ज देता है, उसका कर्तव्य है कि वह क़र्जकी आवश्यकताकी जांच करे और जहांतक सम्भव हो उन फरीकोंके सम्बन्धमें जिनके साथ वह मामला कर रहा है और इस बातके विषयमें कि मेनेजर वह मामला खान्दानी फायदेके लिये कर रहा है इतमीनान करले । यदि उसने इस प्रकार जांचकर लिया है
और ईमानदारीसे व्यवहार कर रहा है तो काफ़ी और मान्य आवश्यकता, उसके दावेसे बाहर नहीं है और इस परिस्थितिसे उसके लिये यह बाध्य नहीं है कि रकमके खर्चकी ओर देखे या इस बातपर विचार करे, कि वह रकम जो वह दे रहा है, खान्दानी आवश्यकतासे अधिक तो नहीं है । इस बातसे कि रेहननामेकी दर-ब्याज अदालत की दरसे अधिक है या रेहननामें की जायदाद उस जायदादसे जो डिकरीके अनुसार नीलामकी जा रही है अधिक है रेहननामा नाजायज़ नहीं हो सकता । शिव बिहारी बनाम शिवरतनसिंह 90 I. C. 345, A. I. R. 1925 Oudh.740.
बापके गवन करनेकी रकमके जिम्मेदार पुत्र माने गये--हिन्दुलॉ के अनुसार पुत्रपर उस रकमकी अदाईकी पाबन्दी है जो उसके पिताने, बहैसियत टूस्टीके रावन किया हो, यह पाबन्दी उस सूरतमें भी रहेगी, जब ग्रवन जान्ता फौजदारीका अपराध समझा गया हो; बेङ्कट कृष्णप्पा बनाम कुन्दर्थी पैरागी (1926) M. W. N. 194; 23 L. W.714; 94 I. C. 634; A. 1. R. 1926 Mad. 535; 50 M. L. J. 353.
एक हिन्दू पुत्रपर अपने पिता द्वारा लोहेके व्यवसायमें लिये हुए ऋण की जिम्मेदारी है । व्यवसायक ऋण अव्यवहारिक ऋण नहीं है । गौतमका सिद्धांत, जो इसके विरुद्ध, आधुनिक समयके लिये असामयिक समझा जाना चाहिये; निदाबोलू अटचूटाम् बनाम रतनजी 23 L. W. 193; ( 1926) M. W. N. 258; 49 Mad. 211; 92 I.C. 977; A. I. R. 1926 Mad. 323, 50 M. L.J. 208.
ऋण, जो न तो गैर कानूनी है और न गैर तहजीबी और हिन्दु पिता द्वारा मुश्तरका खान्दानकी जायदादपर लिया गया है, उस रेहननामेके पूर्व, जिसकी नालिश की गयी है, पूर्वजोंका ऋण है और उसकी पाबन्दी पुत्रोंके हिस्सेपर है। ठकुरी बाई बनाम जसपतराय 93 I. C. 911.
___ जब कोई हिन्दू पिता मुश्तरका खान्दानी जायदाद का रेहन किसी पहिलेके रेहननामेकी अदाईके लिये करता है तो वह पूर्वजोंका ऋण है और