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[ छठवां प्रकरण
दफा ४५१ मुश्तरका जायदाद का हिस्सा जिस आदमीका बिक गया हो उसकी स्थिति
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मुश्तरका खान्दान
जब किसी कोपार्सनरका बिना बटा हुआ हिस्सा मुश्तरका जायदादका न दिया गया हो लेकिन खरीदार या दूसरे कोपार्सनरोंके द्वारा बटवारा न हुआ हो तो उस बिक्री से कोपार्सनरकी हैसियत में कोई फरक नहीं पड़ता, तथा दूसरे कोपार्सनरके मरनेपर सरवाइवर शिपकै अनुसार उसका हक़ बना रहता है, देखो -- 21 Bom. 797, 803
इन्तकाल मंसूखकराने में बिके हुए हिस्से को उसे देना जिसने इन्तकाल किया है-- जब किसी मुश्तरका खान्दानका कोई नाबालिग सदस्य बटवारे और खान्दानी जायदाद के अपने हिस्सेको अलाहिदा करने, तथा खान्दानके दूसरे साझीदारों द्वारा किये हुए इन्तक़ालको मंसूख करनेकी नालिश करता है, तब अदालत, यदि इन्तक़ालकी पाबन्दी उसपर नहीं होती, तो यथा सम्भव मुन्तलिकी हुई जायदाद, इन्तक़ाल करने वालोंके हिस्सेमें लगा देती है और उसे उनके अधिकार में दे देती है जिनके हक़में वह इन्तक़ाल किया गया हो । बीरा स्वमी नायडू बनाम शिव गुरुनाथ पिल्ले 21. L. W. 111; 86 I. C. 234; A..I. R. 1925 Mad. 793.
सकूनती मकान - किसी हिन्दू हिस्सेदारकी स्त्री को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी मकानकी नीलामपर, इस बिनापर कि उसे उसमें सकूनका अधिकार है, एतराज करे, जब तककि वह यह न साबित करे कि वह क़र्ज़ जिसके कारण वह नीलाम हो रहा है और तहजीबी है या इस गरज .से लिया गया है कि उसको उस मकानकी सकूनतसे महरूम किया जाय । हिस्सेदारकी विधवाकी अवस्था, उस सूरत में जबकि नीलाम जीवित हिस्सेदारों द्वारा सार्थक की जाती हो, भिन्न है । मु० ननकी बनाम फर्म शामदास सालिगराम 89 I. C. 874.
दफा ४५२ अगर कोपार्सनर अपना हिस्सा छोड़ दे
मदरास हाईकोर्ट की राय यह है कि कोपार्सनर मुश्तरका जायदाद में अपना हिस्सा किसी एक या ज्यादा कोपार्सनरोके हक़में या सब कोपार्सनरों के लिये छोड़ सकता है; - पेडैय्या बनाम रामलिङ्गम् 11 Mad 4065 25 Mad. 149, 156; अप्पा बनाम रांगा 6 Mal. 71.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की राय यह है कि-कोपार्सनर सब कोपार्सनरों के इनमें अपना हिस्सा छोड़ सकता है, लेकिन अगर वह एक या ज्यादा कोपार्सनरों के हक़ में छोड़े तो सब कोपार्सनर उसमें लाभ उठायेंगे अर्थात्