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दफा२-७ ]
नायक कन्या रक्षण एक्ट
कार्रवाई भी अमल में लासकता है जोकि उपरोक्त आज्ञाको पालन करानेके लिये आवश्यक प्रतीत हो ।
- दफा ५ सूचना न देनेवाले के लिये दण्ड
यदि जिलाधीराने किसी व्यक्तिसे इस एक्टकी दफ़ा २ के अनुसार सूचना वाही हो तथा उसे अपने सामने बुलाया हो और वह व्यक्ति बिला किसी क़ानूनी (Lawful ) कारणके मजिस्ट्रेट के सामने हाजिर न होवे या उस सूचना देने से इनकार करे या चाही हुई सूचना न देसके जिसे कि वह देसकता है या गलत सूचना देवे तो उसको छः मास तक के साधारण (Simple ) कारावास ( Imprisonment ) या ढाईसौ २५०) रुपये तक के जुर्माने या दोनों का दण्ड दिया जावेगा ।
किन्तु यदि कोई व्यक्ति पहिली बार इस अपराधका दोषी ठहराया गया हो तो उसको वास्तविक कारावासका दण्ड न दिया जावेगा ।
- दफा ६ ज़िलाधीशकी आज्ञाके उल्लंघन करनेमें दण्ड
यदि कोई व्यक्ति बिला किसी क़ानूनी (Lawful ) कारणके इस एक्ट की दफा ३ व ४ के अनुसार दीहुई डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटकी आज्ञाका उल्लंघन करेगा या उसका विरोध करेगा या किसी भी प्रकारसे उस आशाके पालनमें आपत्ति उत्पन्न करेगा तो उसे किसी भी प्रकारका एक साल तकका कारावास या पांच सौ रुपये तकका जुर्माना होवेगा या दोनों दण्ड एक साथ दिये जायेंगे ।
- दफा ७ प्रांतिक सरकार द्वारा नियम बनाये जानेके अधिकार
प्रान्तिक सरकारको अधिकार है कि वह इस एक्ट के उद्देश्यकी पूर्ति के लिये इस एक्टके अनुसार नियमोंको बना सके तथा उसे यह भी अधिकार है कि वह ऐसे नियमोंको भी बनावे जिनसे कि यह निर्धारित होसके कि डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट इस एक्टके आधारपर किस प्रकारकी आज्ञायें दे सकता है तथा वह भी नियम बनायेगी जिसके अनुसार डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट नायक जाति या उसके समूह के किसी व्यक्ति विशेषको इस एक्टकी दफ़ा २ व ३ से बरी कर सकेगा तथा किन शर्तोंके साथ वह व्यक्ति बरी किया जासकेगा ।
किन्तु शर्त यह है कि प्रान्तिक सरकार अपने नियम बनानेके इन अधिकारों का प्रयोग करनेसे पहिले उन नियमोंको गज़ट द्वारा प्रकाशित करेगी तथा नायक जातिकी वस्तियोंमें इसको विशेष रूपसे प्रकाशित करेगी तथा काउंसिल में भी उन नियमोंपर वादविवाद होनेका अवसर देनेके पश्चात्