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मुश्तरका खान्दान
[ छटवां प्रकरण
बेटेका लड़का ( मूलपुरुषका पोता ) भी मरगया हो तो मूलपुरुषके मरने के पश्चात् मूलपुरुषका परपोता अपने मृतदादाके स्थानापन्न होकर मूलपुरुष के दूसरे बेटों के साथ मौरूसी जायदाद में हिस्सा पावेगा । और ऊपर के क़ायदे के अनुसार जब मौरूसी जायदाद मूल पुरुषके परपोतेको मिली हो तो उस जायदाद में मूल पुरुषके परपोतेके बेटे, पोते, परपोते अपनी पैदाइश से इन प्राप्त कर लेंगे तथा वह कोपार्सनर हो जायेंगे ।
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(७) परपोते के बेटेको कब हक़ नहीं मिलेगा- जब मूल पुरुषके मरने से पहिले उसके कई एक बेटों में से कोई बेटा मर गया हो, और उस मरे हुए बेटेका लड़का तथा पोता ( मूल पुरुषका पोता और परपोता ) भी मर गया हो तो मूल पुरुष के मरनेके पश्चात् मूल पुरुषके मरे हुये बेटेका परपोता जायदाद में हिस्सा पानेका अधिकारी नहीं होगा और न वह कोपार्सनर बन सकता है और जब मूल पुरुषके मृत बेटेके परपोतेको जायदाद नहीं मिली तो फिर उस जायदादमें उसके बेटे, पोते, परपोते भी अपना कोई हक़ नहीं रखते । अर्थात् उन्हें मौरूसी जायदाद में कुछ हक़ नहीं है, क्योंकि तीन पुश्त तक ही स्थानापन्न होकर जायदाद पानेका क़ायदा है ।
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दफा ४०२ मिताक्षराला के अनुसार कोपार्सनर
मिताक्षराला के अनुसार हर एक हिन्दू अपनी पैदाइशसे या गोद लेने से सम्पूर्ण कोपार्सनरी जायदाद में अपना हक़ प्राप्त कर लेता है । कोपार्सनरी जायदाद चाहे पैतृक हो या न हो और चाहे उसके जन्म होने या दत्तक लेने के समय से पहिले या पीछे मिली हो तो भी हक़ प्राप्त कर लेता है ।
यह बात स्मरण रखनेके योग्य है कि- बापको यदि किसी नालिश करनेका अधिकार क़ानूनन् प्राप्त है तो कोई भी 'कोपार्सर' उस अधिकारको नहीं ले सकता । अर्थात् अगर कोई कोपार्सनर यह ख्याल करे कि उस अधिकारमें वह शामिल है तो गलत है, देखो - उजागरसिंह बनाम पीतमसिंह 8 I. A. 190; 4 All. 120 मगर देवस्थानकी जायदादमें लड़केका हक़ माना गया है देखो - रामचन्द्र पांडे बनाम रामकृष्ण भट्ट 33 Cal. 507.
लड़कों का भाग कोपार्सनरी जायदादमें बापके भागके बराबर रहता है देखो - सुन्दरलाल बनाम चितारमल 29 All 1 परन्तु लड़के कभी अपने बाप से अलहदा क़ब्ज़ा जायदाद पर नहीं रख सकते - देखो - बल्देवदास बनाम श्यामलाल 1 All. 77. बाबूवीर किशोरसिंह बनाम हरवल्लभ नरायनसिंह W. R. C. R. 502.
दफा ४०३ अनौरस पुत्र
(१) द्विज (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, ) जातिमें अनौरसपुत्र ( जो पुत्र औरस' न हो औरस पुत्रके लिये देखो दफा ८२ ) का हक़ कोपार्सनरी जाय