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दत्तक या गोद
[चौथा प्रकरण
में व्याहा हुआ लड़का दत्तक लिया जासकता है दफा २०३ जनेऊसे पहले गोद लेना चाहिये देखो---9 Mad. 148; 13 Mad. 1283 Mad. H. C. 28; बम्बई में उपनयनके पश्चात् भी लिया जासकता है देखो 10 Bom. 8; 8 BH. C. A. C. 67; 12 B. I. C. 364; 11 B. H. C. 194; 28 Bom- 251.
(२) पंजाबमें भी उपनयनके पश्चात् जायज़ मानाजाता है--देखो दफा १८०. दफा २१९ शूद्रोंमें विवाहसे पहले
शूद्रोंमें विवाहसे पहले दत्तक लेना योग्य है देखो 22 Bom. 250, मगर यह कायदा व्यापक नहीं मानागया किसी भी उमरका लड़का गोद लिया जासकता है और बहुत जगहोंमें ऐसा दत्तक जो विवाहके बाद दिया गया हो जायज़ माना गया है देखो दफा १८० । दफा २२० वेश्याका लड़की गोद लेना
सिर्फ मदरासमें रंडी, या गाने बजानेका पेशा करनेवाली औरत लड़की गोद लेसकती है मगर रंडीके पेशेके लिये नहीं -देखो दफा ११६, ३०३.
(ग) कौन लड़के गोद नहीं लिये जासकते?
दफा २२१ पालक पुत्र
पालकपुत्र दत्तक नहीं हो सकता। बारह प्रकारके पुत्रोंके अन्तर्गत पालकपुत्रका नाम नहीं है मि० दिवेलियन अपने फेमिलीलोंके पेज १०० में कहते हैं कि-अाजकल कोई हिन्दू. पालक पुत्र और लड़की को गोद नहीं लेसकता यानी यदि कोई यूरोपियन किसी लड़केकी परवरिश करता रहे और जायदाद उसे दे दे और यह कहे कि वह गोद लियागया है, यहठीक न होगा क्योंकि वह लड़का उत्तराधिकारसे जायदाद नहीं पावेगा । और मज़हबी कृत्योंके पूरा करने योग्य भी नहीं माना जायगा । इसतरहका पुत्र निश्चित एक शर्तबन्द पुत्र है दत्तक नहीं देखो-13 M I. A. 85; 3 B. L. R. ( P. C.) 27; 12 W. R. (P. 0.) 29; 2 W. R.C. 281. दफा २२२ पुत्रिकापुत्र
पुत्रिकापुत्र किसे कहते हैं देखो दफा ८२-३; ८३ ऐसा पुत्र दत्तक नहीं लिया जासकता क्योंकि दत्तक लेनेका जो मतलब है यह ऐसे पुत्रसे सिद्ध