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दत्तक या गोद
[ चौथा प्रकरण
पुत्र भी दत्तकके योग्य हो सकता है । यही राय भट्टाचार्यकी भी है देखोभट्टाचार्य हिन्दूला तीसरा एडीशन पेज ४१४ सिरसा जिलाके 'डबवाली' सहसील में उन जाटोंमें जिनका गोत्र ढ़ांनढीवाल' है सालेका पुत्र दत्तक हो सकता है देखो --No 32 of 1882; 94 P. R.1898.
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गुजरातके 'आबांस' नामक क़ौममें रवाजके अनुसार सालेका पुत्र दत्तक लिया जासकता है No. 165 of 1884 सिबिल.
अम्बाला जिलेकी रूपार नामक तहसीलके 'रेहाला' जाटोंमें सालेका पुत्र गोद नहीं लिया जासकता जबतक कि कोई खास रवाज साबित न हो 166 P. R. 1890; 75 P. R. 1892.
नोट -- पहिलेके मामलों में ऐसा माना जाता था कि सालेका पुत्र उत्तम नहीं हो सकता जबतक कि पति की स्पष्ट आज्ञा न हो मगर बाद के एक मुकद्दमें ( 27 All 417 ) में जस्टिस स्टेनल ने पहले के सब मुक़द्दमों को विचार करके कहा कि, पहले के सब मामलों में प्रायः यही माना गया है कि साल का पुत्र दत्तक के लिये बिल्कुल योग्य है और इसमें नन्द पंडित का नियम लागू नहीं होगा । और देखो मैन हिन्दूला सातवां एडीशन पेज १७७ मि० ट्रिवेलियन अपनी हिन्दूलों के दूसरा एडीशन पेज १३८ में कहते हैं कि ऐसा दत्तक माना जा सकता है । और देखो 3 Md. 15-7; 22 Bon. 973. और देखो इस किसाबको दफा १७८५
दफा २११ सालेका पोता
जी क़ायदा ऊपर दफा २१० में सालेके पुत्र के संबंध में लागू किया गया है वही सालेके पुत्रके बेटेमें भी होगा । विधवा अपने भाई के पोतेको पतिकी आशासे गोद ले सकती है देखो -- जैसिंहपाल बनाम विजयपाल 2 All Le J 36; 27 All. 417.
दफा २१२ सालीका बेटा ( स्त्रीकी बहनका पुत्र )
सिर्फ फ़ीरोज़पुर जिलेके धावन खत्रियों में स्त्रीकी बहनका पुत्र गोद लिया जासकता है। इसके विरुद्ध रवाज साबित नहीं की गई 31, R. 1901 Bom. Sel, R. 78.
दफा २१३ स्त्रीकी बहनकी लड़कीका लड़का
मद्रासके दो मुक़द्दमोंमें मानागयाकि हिन्दू अपनी स्त्रीकी बहनकी बेटी का बेटा दत्तक ले सकता है देखो --7 Mad. L. J 134; 20Mad. 283. दफा २१४ बापकी बहनका पोता
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एक मुक़द्दमे में 'पुरवियाकुरमी' जो अपनेको पुरविया क्षत्री कहते हैं उनमें, बापकी बहनके लड़केका पुत्र गोद लियागया और वह नाजायज़ नहीं माना गया। क्योंकि वह द्विजन्मा क़ौम में नहीं माने गये देखो - 28 All. 170