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[ चौथा प्रकरण
दत्तक या गोद
पुत्रेणैव कर्त्तव्यः पुत्र प्रतिनिधिः सदा पिण्डोदक क्रियाहेतोर्यस्मात्तस्मात्प्रयत्नतः ।
उपरोक्त श्लोक में अत्रिने बहुत ज़ोर देकर कहा है कि जिस पुरुषके औरस पुत्र न हो उसे दत्तक पुत्र लेनेके लिये कोशिश करना चाहिये ताकि उसकी पिण्डदान और तर्पण की क्रिया बन्द न हो जाय । इस बातकी पुष्टि वीर मित्रोदय, दत्तक मीमांसा दत्तकचन्द्रिका, कौस्तुभ आदि ग्रन्थोंसे होती है कि हिन्दू पुरुषको अपना कोई न कोई प्रतिनिधि ( लड़का ) अवश्य छोड़ जाना चाहिये जिसमें उस पुरुषके मरनेके बाद धार्मिक कृत्य बन्द न हो जायें । इसलिये इन सब बातों परसे ऐसा अनुमान किया जाना बहुत योग्य है, कि जब कोई हिन्दू पुरुष बिना औलादके मर गया हो तो उसने दत्तकके लिये ज़रूर ख़्याल किया होगा, और जब यह साबित हो कि वह बीमार बहुत दिन रहा था और जायदाद वाला था, ( जो जायदाद उसके मरनेके बाद दूसरे वारिसों को पहुँचती ) तब अधिक अनुमान किया जायगा कि उसने ज़रूर दत्तक पुत्र लेने के बारे में ख़्याल किया होगा । इससे भी अधिक ऐसा अनुमान तब किया जायगा जब घरेलू झगड़ों या अन्य किसी सबबसे उसको वह पसन्द न करता हो जो उसके मरनेके बाद उसकी जायदादका वारिस होनेवाला हो या उससे वैमन्य हो या शत्रुता हो या उससे वह दूसरेको ज्यादा चाहता हो ।
दत्तक लेने के समय मुतवफ़ी के ठीक होश व हवाश और मस्तिष्क की सेहत के सम्बन्ध में यह प्रमाणित होना आवश्यक है कि मृतक, दत्तक लेने के समय ठीक होश हवास में था और उसकी अवस्था इतनी अच्छी थी कि उसने अपनी शुद्ध बुद्धि और अन्तरात्मा द्वारा दत्तक की रसमको अदा किया था । महाराजा कोल्हापुर बनाम यस० सुन्दरम् अय्यर 48 Mad. 1; A. I. R. 1925 Mad. 497.
दफा २५२ मिताक्षरा स्कूलोंमें दत्तकका अनुमान
हिन्दुस्थानके जिन भागों में मिताक्षरा लॉ लागू किया गया है, उनमें यदि कोई हिन्दू पुरुष बिना औलादके मर जाय तो उसकी विधवा को सिर्फ रोटी कपड़ा मिलने का अधिकार है बशर्ते कि खानदान शामिल शरीक हो । ऐसी दशामें विधवाको पतिके उत्तराधिकारी, चाहे वह कितना भी दूरका हो उसके आधीन रहना पड़ेगा । इसलिये ऐसा अनुमान किया जासकता है कि पतिने अपने उत्तराधिकारी ( वारिस ) के ताबे अपनी स्त्रीको छोड़ना पसन्द नहीं किया होगा बलि यह पसन्द किया होगा कि विधवा माताकी हैसियत से रहे और दत्तक पुत्रकी माता कहलाती हुई उस पुत्रकी वली बनी रहे देखो 1 Hyde. 249; हराधन बनाम मथुरानाथ 4 M. I. A. 414; S. C. 7 Suth