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दफा ७१।
वैवाहिक सम्बन्ध
तरफसे किसी उचित पुरुषको कन्यादानके लिये नियुक्त कर सकती है, देखोबाई रामकुंवर बनाम जमुनादास ( 1913 ) 37 Bom. 18; 35 Mad. 728 सौतेली माताको कन्यादान देनेका अधिकार नहीं; 7. W. R. C. R. 321; और देखो 2 Ind. Gur. 193.
अगर किसी नाबालिग ( लड़की या लड़का) की ज़ात या आयदाद पर एक्ट नं०८ सन१८६०ई०के अनुसार हाईकोर्टने या किसी दीवानी कोर्टने वली नियत कर दिया हो तो नाबालिग के विवाहके लिये यह वली कोर्टकी मंजूरीसे खर्च करेगा और कोर्ट कुल ज़रूरी हिदायतें विवाह सम्बन्धमें वलीको देगी
और अगर वली हिन्दू ला का होगा उसे ऐसा अधिकार रहेगा कि वह बिना मंजूरी कोर्टके बिवाह करे ; देखो-एक्ट नं० ८ सन् १८१० की दफा ११-५० ट्रिवेलियन ला श्राव माइनर्स 3 ed. P. 176. 177, 291 (संदेहितकेस देखो22 Bom. 509, 518, बिलसन्स ऐंग्लो मोहमदन ला 3 ed P. 190)
बंगाल-जब कोई नाबालिग बंगाल हाईकोर्टके ताबे कोर्ट आफ वार्डस् एक्टके अनुसार हो तो उसके वलीको विवाहसे पहले विवाहके लिये अदालतसे इजाजत प्राप्त करना ज़रूरी है--कोर्ट आफ वार्डस् ( Rules. S. VIII (E) rule 5.
मदरास--जब नाबालिग मदरास हाईकोर्टके ताबे कोर्ट आफ वर्डस् एक्टके अनुसार हो और उसके वलीने बिना मंजूरी अदालतके नाबालिगका विवाह कर दिया हो तो उस वलीको अदालत दण्ड देती है. जो २०००) १० जुरमाना और ६ महीनेकी कैदसे अधिक नहीं होगा। या दोनों सज़ायें देगीAct I. (M. C.) of 1902 . 67. विधवाका दान--देखो दफा ६३ दफा ७१ विवाहके खर्च
मिताक्षरा स्कूलमें हिन्दू मुश्तरका खानदानके मर्द मेम्बरों की लड़कियोंकी शादीके खर्च मुश्तरका जायदाद पर पड़ते हैं ( देखो दफा ४३०) 26 Mad. 497; 23 Mad. b12 लड़कियोंकी शादीमें जो खर्च हो, जो लड़कीको बतौर नेगचार के दिया जाय, या जो दुरागमन यानी गौनेमें खर्च हो सब कानूती खर्च माना गया है। देखो-बुरामैन साहू बनाम गोपी साहू (1909) 13 C. W. N. 994 इसी तरहपर मुश्तरका खानदानके मर्द मेम्बरोंकी शादीके खर्च जायदादसे दिये जायेंगे--(1907) 32 Bom. 81; 9 Bom. L. R. 1366; (1910) 32 All. 575; 34 34 Mad. 422.
बंगाल स्कूलमें यह नियम नहीं मानाजाता-देखो सरकार हिन्दू ला 3. ed. 106. बंबई हाईकोर्टने माना कि मुम्तरका खानदानमें जो क़र्ज़ किसी कोपार्सनरके विवाहके लिये लिया गया हो उसके देनदार मुश्तरका खान