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दफा १७८-१८०]
साधारण नियम
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1 Mad. 62; पञ्जाब कस्टमरीलॉ P. 79-83; जैनियोंमें भी ऐसी दत्तकें जायज़ मानी गई हैं देखो शिवसिंह बनाम मु० दाखो फैसला सदर अदालत 6N. W. P. 882351. A. 873 S. C. 1 All. 688; हसनअली बनाम नागमल 1 All. 288; लक्ष्मीचन्द बनाम दत्तोबाई 8 All. 319; देखो दफा १६७-१९६-२०७.
कौन गोद लिया जा सकता है-जाट और शूद्रों में बहिन का लड़का, गोद लिया जासकता है। हीरा बनाम शिब्बू 6 Lah. 52; 26 Punj L. R. 225; A. I. R. 1925 Lah 16. दफा १७८ साला, सालेका बेटा आदि
साला, सालेका बेटा भी गोद लिया जा सकता है देखो---Mad. Dec. of 1856 P. 213; Mad. Dec. of 1857 P. 94; 22 Bom. 973; 3 Mad. 15 और देखो एय्यर हिन्दूलॉ की दफा २२६ इसी तरहपर सालीका बेटा भी गोद लिया जासकता है तथा माकी बहनकी लड़कीका लड़का, भी दत्तक हो सकता है; 7 Mad. 548; और देखो दफा २०६; २१०. दफा १७९ दत्तक पुत्रकी शारीरिक अयोग्यता
जब कोई ऐसा लड़का गोद लिया जाय जो अन्य सब बातोंमें योग्य होनेपर भी अपने शरीरमें कोई ऐसी अयोग्यता रखताहो जिसके सबबसे वह गोद लेनेवाले पुरुषके सम्बन्धमे या जिसके लिये वह गोद लिया गया हो उस की धार्मिक कृत्योंके करनेका अधिकारी न हो तो उस पुत्रको गोद लेनेवाले की जायदादमें कोई हक़ नहीं मिलता देखो--Suth Syn. 665; और देखो दफा २३७. दफा १८० कितनी उमर का लड़का गोद लेना चाहिये
गोद लेने के समय दत्तक पुत्रकी उमर कितनी होना चाहिये यह बात निश्चित करना कठिन है । धर्मशास्त्रकारोंका मत इस विषयमें एक नहीं है, मगर इस बातमें सब सहमत हैं कि छोटा लड़का गोद लेना चाहिये, कितनी उमरका लड़का छोटा कहलाता है इसमें मतभेद है । संक्षेपसे धर्मशास्त्रकारों का मत नीचे देखोः
(१) धर्मशास्त्रकारोंका मत-दत्तक मीमांसायाम् । ननु पञ्चमवर्षाभ्यन्तरीय एव पुत्रोग्राह्यः इति विधान मुखं प्रोभय पञ्चमवर्षानन्तरं पुत्रो न ग्राह्यः इति । कालिका . .. 29 ....