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विवाह
[ दूसरा प्रकरण
प्रथा ऊंची जातियोंमें प्रचलित है ऐसा हिन्दूलॉ का निश्चित सिद्धांत है । लेकिन नीच जातियोंके बारेमें ऐसा नहीं ।
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नीच जातोंके विवाह के मामलों में पूर्वोक्त अदालतका सिद्धांत समझ बूझकर काममें लाया जायगा, देखो -- श्रथी केशवलूचट्टी बनाम रामानुजंचट्टी 32 Mad. 512 विजयरंगम् बनाम लक्ष्मण 8 Bom. M. C. R.
( ३ ) जब विवाहका हो जाना एक दफा साबित होगया हो तो मान लिया जायगा कि वह विवाह क़ानूनन जायज है; देखो - ईदरम् बनाम रामसामी 13 M. 1. A. 141. महंताचा बनाम गंगावा 33 Bom. 692.
( ४ ) विवाह में जो धर्मकृत्य आमतौरसे हुआ करते हैं यदि उनका होना साबित कियागया हो तो यह मान लिया जायगा कि वह धर्म कृत्य सब पूर्णत किये गये थे । यदि इसके विरुद्ध साबित किया जावे तो दूसरी बात है; वृन्दावनचन्द्र बनाम चन्द्रकरमकर 12 Cal. 140; 13M.I.A. 141 बाई दिवाली बनाम मोतीकृष्ण 22 Bom. 509-512.
(५) जब कि यह साबित कर दिया जाय कि कोई खास रिश्तेदारी जैसे कोई वैवाहिक सम्बंध पहिले हो चुका है, तो यह मान लिया जायगा कि वह सम्बंध सदा उसी तरहपर जारी रहा है । अगर कोई कहे कि वैसा सम्बंध पीछे नहीं रहा या पहिलेसे नहीं रहा तो बारसुबूत उसी पर होगा; भीमा बनाम दुलप्पा 7 Bom. L. R 95.
(६) पत्नीने पुत्र अपने पतीसे पैदा किया है, यह बात अदालत क़ानून शहादतकी दफा ११२ के अनुार स्वयं मान लेगी । वह दफा इस प्रकार है " अपनी माता और किसी पुरुषके परस्पर जायज़ विवाहके जारी रहने के समय मैं कोई आदमी पैदा हुआ है या वैवाहिक सम्बंध टूटनेके २८० दिनके अन्दर पैदा हुआ और इस मुद्दतमें उसकी माता बिना पतिके रही तो माना जायगा कि वह (लड़का ) उस आदमीका अर्थात् माताके पतिका औरस पुत्र है । चाहे यह साबित किया जाता हो कि वह आदमी उसकी माताके पास उतने दिनों पहिले नहीं गया था कि जिससे उसका गर्भ समझा जा सके तो भी अदालतमें ऐसा नहीं माना जायगा" यानी ऐसा साबित होनेपर भी वह औरस माना जायगा । नरेन्दनाथ पहाड़ी बनाम रामगोविंद 29 Cal. 111; 29 I. A. 17 में साबित हुआ कि एक स्त्री जब अपने पतिके घर आई तो उसके आनेके थोड़ेही दिन बाद पति मर गया पीछे २८० दिनके अन्दर उसके बच्चा पैदा हुआ माना गया कि वह मरे हुये आदमीका औरस पुत्र है। ऐसे मामले
faraifeoने कहा जब तक यह साबित न कर दिया जाय कि पति इस योग्य था ही नहीं कि वह अपनी स्त्रीके पास जाय, तब तक वह पुत्र औरस माना जायगा । यह बात कि, पति ऐसी खराव बीमारी से पीड़ित था जिससे