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अलगनी
5 न्यारा, विशिष्ट । ~अलग ( क्रि० वि० ) 1 व्यक्तिशः 2 प्रत्येक को या प्रत्येक से; -थलग (वि०) 1 जुदा 2 दूर; ~करना 1 दूर करना, हटाना 2 काम या नौकरी से हटा देना 3 बेचना 4 संयुक्त कुटुंब से पृथक् करना 5 छाँटना; होना 1 दूर या किनारे होना 2 नौकरी या काम छोड़ना अलगनी - ( स्त्री०) वस्त्र टाँगने के लिए बँधी रस्सी या बाँस अलग़रज़ी - I अ० + फ़ा० (वि०) लापरवाह II (स्त्री०) लापरवाही
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अलगागुजारी - (स्त्री०) अलग अलग करने की क्रिया अलगाना - I (स० क्रि०) 1 अलग करना 2 दूर करना 3 छांटना II (अ० क्रि०) अलग होना)
~वाद
+
अलगाव - I (वि०) 1 अलग रखने या करने का भाव 2 दूरी। हिं० + सं० (पु० ) अलग रहने की प्रक्रिया का सिद्धांत; वादी + हिं० + संo अलगाववाद का समर्थक अलगोज़ा - फ़ा० (पु० ) एक प्रकार की बाँसुरी अलगौझा - ( पु० ) अलगाव, बँटवारा अलजबरा - अं० (पु०) बीजगणित अलज-सं० (वि०) लज्जारहित, बेहया अलता - (पु० ) स्त्रियों के पैरों में लगाने का एक प्रकार का लाल रंग, महावर
अलपाका- अं० (पु०) दक्षिणी अमेरिका का एक जानवर जिसके बालों का बढ़िया ऊन बनता है
अलफ़ - अ० (पु० ) घोड़े का पिछली टाँगों के बल खड़ा होना अलबत्ता - अ० (अ०) 1 बेशक, निस्संदेह 2 हां तो 3 परंतु अलबम - अं० (पु० ) 1 तस्वीरें रखने की किताब या कापी 2 चित्राधार, चित्र संग्रह
अलबी- तलबी - (स्त्री०) अत्यंत क्लिष्ट उर्दू या अरबी-फ़ारसी आदि विदेशी भाषाएँ
अलबेला - I (वि०) 1 सुंदर 2 अनूठा 3 बाँका 4 मनमौजी II (पु० ) नारियल का हुक्का
अलब्ध-सं० (वि०) अप्राप्त। निद्र (वि०) जिसे नींद न आती हो
अलभ्य-सं० (वि०) 1 जो न मिलता हो 2 दुर्लभ 3 बहुमूल्य 4 अनमोल
अलम - अ० (पु० ) 1 दुःख 2 शोक 3 झंडा, निशान 4 भाला । ~नाक (वि०) 1 दुःखमय 2 अति दुःखद; ~बरदार (पु० ) 1 झंडा उठानेवाला 2 आगे रहनेवाला अलमस्त - फा० (वि०) 1 मस्त, मतवाला 2 मौजी 3 बेफिक्र अलमारी-(स्त्री०) सामानादि रखने के लिए बना कई खानोंवाला ऊँचा संदूक या आला
अलमास - फ़ा० (पु० ) हीरा
अलमिति सं० (अ०) 1 बस यहीं अंत है, बस इतना ही 2 बस बहुत हो चुका
अलर्क- (पु०) कुत्ते का पागलपन
अलल-टप्पू- (वि०) 1 अटकल पच्चू 2 ऊट पटाँग अलल- बछेड़ा - (पु०) अनुभव शून्य या अल्हड़ व्यक्ति अललाना- (अ० क्रि०) 1 बहुत ज़ोर से चिल्लाना 2 गला फाड़कर पुकारना
अलवाँती - (स्त्री०) प्रसूता, जच्चा
अलवान - अ० (पु० ) एक तरह की ऊनी शाल
अलि
अलविदा -अ० ( क्रि० वि०) अच्छा अब विदा होते हैं, विदाई ( विदाई के समय का पद )
अलस-I सं० (वि०) 1 आलसी 2 अलसाया हुआ 3 ढीला निष्क्रिय II (पु० ) 1 खरवात 2 एक वृक्ष 3 एक छोटा विषैला जंतु अलसाना - ( क्रि० वि०) 1 थकावट या सुस्ती मालूम होना 2 कुछ करने को जी ना चाहना अलसी - I तीसी II (वि०) आलसी
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अलसेट - (स्त्री०) 1 अड़चन 2 अड़ंगा 2 ढिलाई, टालमटूल अलस्सबाह-अ० (क्रि० वि०) सबेर तड़के अलहदगी- अ० फ़ा० (स्त्री०) बिलगाव, अलगोझा अलहदा - अ० (वि०) अलग, जुदा अलाउंस - अं० (पु० ) भत्ता अलाटमेंट-अं० (पु०) बँटाई, आवंटन
अलात-सं० (पु० ) 1 अंगारा 2 लुकाठी 3 जलती बनेठी। चक्र (पु०) लुकाठी को घुमाने से बननेवाला मंडल अलान - ( पु० ) 1 हाथी बाँधने का खूँटा या सीकड़ 2 बेड़ी 3 बेल चढ़ाने के लिए बाँधी गई लकड़ी
अलानिया - अ० ( क्रि० वि०) खुले खजाने, डंके की चोट से अलाप- ( पु० ) आलाप
अलापना- (अ० क्रि०) 1 बात करना 2 बोलना 3 गाने में तान लेना । अपना अपना राग अलापना अपने-अपने हित की
बात करना
अलाबू - (पु० ) 1 लौकी, कद्दू 2 तूंबी अलाभ-सं० ( पु० ) 1 लाभ का अभाव 2 घाटा, हानि। ~कर (वि०) 1 जिससे कोई लाभ न हो, व्यर्थ 2 जो आर्थिक दृष्टि से लाभदायक न हो; कारी (वि०) लाभ न करानेवाला; दायक (वि०) अलाभकर प्रद (वि०) लाभ न देनेवाला
अलामत - अ० (स्त्री०) 1 चिह्न, पहचान, लक्षण 2 निशानी अलाय बलाय अ० (स्त्री०) अनिष्ट, विपत्ति अलार-सं० (पु० ) 1 किवाड़ 2 अलाव आग का ढेर अलार्म - अंग (पु० ) ( खतरे की) सूचना । घड़ी + हिंο बेल (स्त्री०) नियत समय पर घंटी बजानेवाली घड़ी; (स्त्री०) सूचना की घंटी, अलार्म घंटी बजना ख़तरे की घंटी बजना
अलाव - (पु०) तापने के लिए जलाई हुई आग, कौड़ा, आग का ढेर
अलावा अ० सिवाय, अतिरिक्त
अलिंग - I सं० (वि०) 1 बिना चिह्न या लक्षण का 2 जिसका लक्षण न किया जा सके 3 बरे चिह्नों वाला 4 व्या० जिसका कोई लिंग न हो या जो सब लिंगों में व्यवहत हो सके (हम, तुम आदि) II (पु० ) 1 ईश्वर, परमात्मा 2 चिह्नाभाव अलिंगी सं० (वि०) अलिंग I अलिंद-सं० (पु० ) 1 चौंतरा, छज्जा 2 द्वार कोष्ठ 3 एक प्राचीन जनपद 4 भौंरा
=
अलि-सं० (पु० ) भौंरा । कुल (पु०) भौंरों का समूह; ~ जिह्वा (स्त्री०) गले के भीतर का कौआ, घॉटी; ~ जिह्वीय (वि०) अलि जिह्वा संबंधी; वृत्ति (स्त्री०) भौंरो की तरह जगह-जगह घूमकर रस लेने की प्रवृत्ति, हरजाईपन