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अर्द्ध बात; ~प्रक्रिया (स्त्री०) अर्थ-विवाद संबंधी होनेवाली | अर्थाधिकारी-सं० (पु०) 1 खचांची 2 अर्थमंत्री प्रक्रिया या कार्यवाही; पूर्ण (वि०) सम्पूर्ण एवं स्पष्ट | अर्थानापद- (पु०) लाभ और हानि का एक-साथ भय अर्थवाला; ~प्रणाली (स्त्री०) अर्थ या मूल्य से संबंध | अर्थानुबंध-सं० (पु०) अर्थबंध, आर्थिक समझौता रखनेवाली विधि; ~प्रदाय (वि०) अर्थ या सम्पत्ति | अर्थानुसंधान-सं० (पु०) अन्वच, अर्थ को ढूँढने एवं समझने देनेवाला; ~प्रधान (पु०) सम्पत्ति का स्वामी; ~प्रबंध का प्रयास करना (पु.) 1 अर्थ की व्यवस्था; ~प्रबंधन (पु०) अर्थ अर्थान्वित-सं० (वि.) 1 धनी 2 सारगर्भित 3 महत्त्वपूर्ण व्यवस्था करना; प्रसर (पु०) अर्थ विस्तार; ~प्राप्ति | अर्थापत्ति-सं० (स्त्री०) 1 फल प्राप्ति 2 एक और बार सिद्ध (स्त्री०) अर्थ की प्राप्ति; बंध (पु०) छंद, वाक्य आदि की करना रचना; बुद्धि (वि०) स्वार्थी; -बोध (पु०) अर्थ ज्ञान; | अर्थापदेश-(पु०) नये अर्थ का समावेश
~भरा + हिं० (वि०) अर्थ से भरा हुआ; ~भागी (वि०) | अर्थापन-सं० (पु०) पदों, शब्दों के अर्थ लगाने या व्याख्या अर्थ या सम्पत्ति का हिस्सेदार; ~भृत (पु०) वेतन भोगी | करने का भाव कर्मचारी; ~भेद (पु०) अर्थ में अंतर; ~मंत्री (पु०) अर्थापित-सं० (वि०) अर्थ निकाला गया (शब्द) वित्तमंत्री; ~युक्ति (स्त्री०) लाभ; ~लाभ (पु०) सम्पत्ति अर्थाभाव-सं० अर्थ की कमी या अभाव का लाभ, रुपये-पैसे का लाभ; ~~लोभ (१०) सम्पत्ति लोशः अर्थार्थी-सं० (वि०) धन की कामना रखने या उसकी प्राप्ति के
लोलुप (वि०) अर्थ का लोभी; ~वत्ता (स्त्री०) अर्थ | लिए प्रयास करनेवाला की संपत्रता; ~वर्जित (वि०) महत्त्वहीन; ~वाद (पु०) | अर्थालंकार-(पु०) शब्दों में अर्थ का चमत्कार प्रकट किसी उद्देश्य का प्रकटीकरण; -विकरण (पु०) मतलब करनेवाला अलंकार बदलना; विकार (१०) अर्थों में होनेवाला परिवर्तन या अर्थिक-सं० (पु०) 1 प्रहरी 2 राजा को सोने एवं उठने के दोष; ~विचार (पु०) शब्दार्थिकी; विज्ञान (पु०) समय की सूचना देनेवाला || (वि०) किसी वस्तु का 1 अर्थबोध 2 अर्थशास्त्र वितंडा (पु०) आर्थिक लाभ के चाहनेवाला लिए बेकार की बहस; -विधान (पु०) शब्दों के अर्थ | अर्थित-सं० (वि०) 1 माँगा हुआ 2 चाहा हुआ 3 अर्थ लगाया लगाने एवं विकसित करने का तरीका; विधि (स्त्री०) | हुआ दीवानी (सम्पत्ति संबंधी) नियम कानून; विभाग (पु०) | अर्थी-[सं० (वि०) 1 चाह या रार्ज रखनेवाला 2 प्रार्थी 3 वादी सम्पत्ति एवं अर्थ संबंधी विभाग; विवाद (पु०) सम्पत्ति | 4 सेवा करनेवाला 5 धनी II (३०) । माँगनेवाला 2 भिक्षक एवं अर्थ सम्बंधित विवाद; विशेषज्ञ (वि०) सम्पत्ति | 3 वादी 4 मालिक विषयक उत्तम जानकारी रखनेवाला; विस्तार (पु०) अर्थ | अर्थोत्कर्ष-सं० (पु०) अर्थ का अच्छे या शुभ प्रसंग में का उसी तरह की अनेक (व्यापक) वस्तुओं पर लागू होना; | परिवर्तन
व्यवस्था (स्त्री०) सार्वजनिक राजस्व एवं उसके आय व्यय अर्थोपचार-सं० (पु०) अर्थ न्यायालय द्वारा होनेवाला उपचार की पद्धतिः ~व्यवहार (प०) दीवानी मुक़दमा; शास्त्र ___ या कराई जानेवाली क्षतिपूर्ति (पु०) 1 पैसे के व्यवहार की विद्या 2 राजनीतिविज्ञान | अर्थोपार्जन-सं० (पु०) अर्थ कमाना (जैसे-कोटिल्य का) 3 नीति शास्त्र; शास्त्रीय; ~शौच | अर्थ्य-सं० (वि०) 1 माँगने योग्य 2 उपयुक्त 3 धनी 4 चतर (१०) लेने-देने या पैसा कमाने में ईमानदारी से काम करना; | अर्दन-I सं० (पु०) 1पीड़न 2 वध || (वि०) 1 पीड़ा
संकट धन की कमी ~संकोच (पु०) अर्थ या संकुचित - देनेवाला 2 नष्ट करनेवाला क्षेत्र में व्यवहार; सचिव (पु०) अर्थमंत्री; ~सिद्ध अर्दली-अ० (पु०) अरदली (वि०) प्रसंग से ही जिसका अर्थ स्पष्ट हो; सिद्धि (स्त्री०) अर्दित-[ सं० (वि.) 1 पीड़ित 2 हत 3 याचित II (०) उद्देश्य की सिद्धि; सूचक (वि०) अर्थ की सूचना | एक वात रोग देनेवाला; हीन (वि०) 1 बिना अर्थ का 2 जिसका कोई अर्द्ध-[ सं० (वि०) आधा II (पु०) 1 आधा भाग 2 भाग; अर्थ न हो
~उष्ण आधा गरम, कुनकुना; ~कालिक (पु०) आधे अर्थक- (वि०) अर्थवाला (जैसे-समानार्थक)
समय का; ~कृत (वि०) आधा किया हुआ; -गोल अर्थतः-सं० (क्रि० वि०) 1 अर्थ की दृष्टि से 2 वस्तुतः (पु०) गोलार्द्ध; ~गोलाकार (वि०) गोले के आधे आकार 3 सचमुच
का; चंद्र (पु०) 1 आधा चंद्रमा 2 सानुनासिक का चिह्न, अर्थना-(स्त्री) याचना
चंद्र बिंदु 3 वह बाण जिसका फल अर्धचंद्राकार हो 4 मोरपंख अतिर-सं० (वि०) 1 दूसरा विषय 2 नयी स्थिति 3 दूसरा की आँख; चंद्राकार (वि०) आधे चांद के आकार का; मतलब। न्यास (पु०) एक अलंकार जिसमें सामान्य कथन -चेतन (वि०) आधे होश में; जागृत (वि०) आधा की विशेष कथन द्वारा और विशेष कथन की सामान्य कथन द्वारा जागा हुआ; जीवित (वि०) अधमरा; लग्न (वि०) पष्टि की जाती है
अधनंगा; नयन (पु०) देवताओं का तीसरा नयन जो अर्धागम-सं० (पु०) धनागम, आय
मस्तक या ललाट पर होता है; नारीश्वर शिव का आधा अर्थात्-सं० + अ० यानी, मतलब यह कि
अपना और आधा पार्वती का रूप; निशा (स्त्री०) आधी अर्थातिशय-सं० (पु०) अर्थ विधान
रात; निर्मित (वि०) अधूरा बना हुआ; मागधी अर्थाधिकरण-सं० (पु०) अर्थन्यायालय, दीवानी अदालत । (स्त्री०) मागधी और शोरसेनी के बीच की प्राकृत; ~मूर्छित
वात राग