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प्रदापनाने महद्धिका वा ? गौतम ! यथा जीवानाम् , एतेषां खलु भदन्त ! एकेन्द्रियतियग्योनिकानां कृष्णलेश्यानां यावत् तेजोलेश्यानाश्च कतरे कतरेभ्योऽल्पद्धिका वा महद्धिका वा ? गौतम ! कृष्णलेश्येभ्य एकेन्द्रियतिर्यग्योनिकेभ्यो नीललेश्यास्तिर्यग्योनिका एकेन्द्रिया महद्धिकाः; नीललेश्येभ्य एकेन्द्रियतिर्यग्योनिकेभ्यः कापोतलेश्या एकेन्द्रिय तिर्यग्योनिका महद्धिकाः, फापोतलेश्येभ्य एकेन्द्रियतिर्यग्योनिकेभ्य स्तेजोलेश्या महर्द्धिकाः, सल्पिद्धिका एकेन्द्रियतिर्यग्योनिकाः कृष्णलेश्याः, सर्व वह द्धिका स्तेजोलेश्याः, एवं पृथिवीकायिकानामपि, एवम् हे भगवन् ! इन कृष्णलेश्या वाले यावत् शुक्ललेश्या वाले तिर्यग्योनिकों में (कयरे कयरेहितो) कौन किससे (अप्पडिया वा महड्डिया वा ?) अल्प ऋद्धिवाले या महान् ऋद्धि वाले हैं ? (गोयमा ! जहा जीवाणं) हे गौतम ! जैसे जीवों का
(एएसिणं भंते ! एगिदियतिरिक्खजोणियाणं कण्ह लेस्लाण य जाव तेउ. लेस्साण य) हे भगवन् ! इन कृष्णलेश्या यावत् तेजोलेश्या वाले एकेन्द्रिय तिथंच जीवों में (कयरे कयरेहितो) कौन किसले (अप्पडिया वा महडिया वा?) अल्पर्धिक अथवा महर्धिक हैं ? (गोयना ! कण्हलेस्सहिंतो एगिदियतिरिक्ख. जोणिएहितो नीललेस्सा सहड्रिया) हे गौतम ! कृष्णालेश्या वाले एकेन्द्रिय तिर्यंचों की अपेक्षा नीललेश्या वाले महर्थिक हैं (नीललेस्सेहितो तिरिक्ख. जोणिएहितो काउलेस्सा महड़िया) नीललेश्यावाले तिर्यच एकेन्द्रियों से कापोतलेश्यावाले महर्धिक हैं (काउलेस्लेहितो तेउलेस्ला महड़िया) कापोतलेश्या वालों से तेजोलेश्या वाले महाधिक हैं (सव्वपड्रिया एगिंदया तिरिक्खजोणिया कण्हलेस्सा) सब से कम ऋद्धि वाले एकेन्द्रिय तिर्थच कृष्णलेश्या वाले हैं (सव्वमहड्डिः 'मा ४०४३श्यापणा यावत् शुदवेश्या तिव्यमा (कयरे कयरेहितो) | नाथी (अप्पडूढिया वा महढिया वा) Hydrवाज मा महाद्विप छ (गोयमा । जहा जीवाण) गौतम ! 24 ना.
(एएसिणं भंते । एगि दियतिरिक्खजोणियाणं कण्हलेस्साण य जाव तेउलेस्साण य) 8 मान् ! २५वेश्या यावत् तेसवेश्यावाणा मेन्द्रिय तियय लामा (कयरे कयरेहिं तो) हा नाथी (अप्पड्ढिया वा महड्ढिया वा) Aar अथवा भधि ? (गोयमा ! 'कण्हलेस्सेहि'तो एगि दियतिरिक्खजोणिएहिंतो नीललेस्सा महडढिया) 3 गौतम ! पृष्लेश्यापण मेन्द्रिय तिय यानी अपेक्षा नीसवेश्यावा भडपि ४ छ (नीललेसेहितो तिरिक्खजोणिएहिंतो काउलेस्सा महाएढिया) नीसवेश्यापणा तिय" सन्द्रियोथी पातश्या भाधि४ छ (काउलेस्सेहितो तेउलेसा महड़ढिया) पातोश्यापाजामाथी तलवेश्यावा भधि छ (सव्वप्पढिया एगि दियतिरिक्खजोणिया कण्हलेस्सा) मधाथी माछा 'मेन्द्रिय तिय य युसेश्यामा छ (सव्व महइढिया तेउलेस्सा) मधायी भडान्
द्ववाणा