Book Title: Pragnapanasutram Part 04
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 766
________________ प्रमेयोधिनी टीका पद २१ सू० ७ आहारकशरीरनिरूपणम् ७५५ संख्येयार्पायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं भवति, नो असंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्ति मनुष्याहारशरीरं भवति, गौतमः पृच्छति-'जइ संखेज्जवासाउयकम्मभूमगगम्भवक्कंतिय मांसाहारगसरीरे किं पज्जत्तगसंखेजवासाउय कम्मभूमगगम्भववतिय मणूसआहारगसरीरे अपज्जतगसंखेज्जवासा उय फम्मभूमगगमवक्कंतिय मण्सआहारगसरीरे ?' यदि संख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं तत् किं पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्कर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं भवति ? किं वा अपर्याप्तकसंख्येयवर्पायुष्ककर्मथूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं भवति ? भगवानाह 'गोयमा हे गौतम ! 'पज्जतग संखेज्जवासाउय कम्मभूमगगब्भवक्कंतियमणसआहारगसरीरे, नो अपज्जत्तगसंखेज्जवासाउय कम्मभूमगगम्भवयकतिय मणूसआहारगसरीरे' पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं भवति नो अपर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्ककर्मभूमिगगर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याहारकशरीरं भवति, गौतमः पृच्छति-'जइ पज्जत्तगसंखेजवासाउय कम्मभूमगगव्भवतिय मणूसाहारसरीरे किं सम्मदिहि पज्जत्तगसंखेजवासाउय का आहारक शरीर होता है, असंख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर नहीं होता। श्रीगौतमस्वामी-हे भगवन् ! यदि संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है तो क्या पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है अथवा अपर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है ? . ___ भगवान्-हे गौतम ! पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्म भूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर होता है अपर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले कर्मभूमि के गर्भज मनुष्य का आहारकशरीर नहीं होता। શ્રીભગવાન-ગૌતમ! સ ખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે, અસંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર નથી હોતાં. શ્રીગૌતમસ્વામી-હે ભગવન! યદિ સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મનાભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે, તે શું પર્યાપત સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના હોય છે અથવા અપર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે ? .... શ્રીભગવાન કે ગૌતમ પર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુ વાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર હોય છે, અપર્યાપ્ત સંખ્યાત વર્ષની આયુવાળા કર્મભૂમિના ગર્ભજ મનુષ્યના આહારકશરીર નથી લેતા.

Loading...

Page Navigation
1 ... 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823 824 825 826 827 828 829 830 831 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841