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(७०)
श्री विपाकसूत्र
[विषयानुक्रमाणिका विषय
पृष्ठ | विषय काल करके सुबाहुकुमार की प्रथम देवलोक ... राजकुमार जिनदास का जीवनपरिचय । ६६१ में उत्पत्ति बतलाकर सूत्रकार का अन्त में द्वितीयश्र तस्कन्धोय षष्ठ अध्याय "-वह महाविद क्षेत्र में जन्म लेकर मुक्त | राजकुमार धनपति का जीवनपरिचय। ६६४ हो जाएगा-" ऐसा निरूपण करना ।
द्वितीयथ तस्कन्धीय सप्तम अध्याय अंग,उपांग आदि सूत्रों का सामान्य परिचय । ६६६ । कल्प शब्द सम्बन्धी अर्थविचारणा। ६७४ |
राजकुमार महाबल का जीवनपरिचय। ६६६ द्वितीयश्रु तस्कन्धीय द्वितीय अध्याय ।
द्वितीयश्रु तस्कन्धीय अष्टम अध्याय द्वितीय अध्याय की उत्थानिका। ६८०
राजकुमार भद्रनन्दी का जीवनपरिचय। ६६६ राजकुमार भद्रनन्दी का जीवनपरिचय तथा ६८०
द्वितीयश्रु तस्कन्धीय नवम अध्याय . अतीत भव एव मोक्षपर्यन्त अनागत भवों | राजकुमार महाचन्द्र का जीवनपरिचय। ७०१ का विवेचन ।
___द्वितीयथ तस्कन्धीय दशम अध्याय द्वितीयश्र तस्कन्धीय तृतीय अध्याय राजकुमार श्री वरदत्त का जीवनपरिचय । ७०४ तृतीय अध्याय की उत्थानिका । राजकुमार ६८५ विपाकमूत्रीय उपसंहार ७०८ सुजातकुमार के अतीत भव और मोक्ष- उपधान शब्द की अर्थविचारणा। पर्यन्त अनागत भवों का विवेचन।
आगमों के अध्ययन के लिए आयंविल तप ७१० ... द्वितीयश्रुतस्कन्धीय चतुर्थ अध्याय की तालिका ।। चतुर्थ अध्याय की उत्थानिका। ६८८
विपाकमूत्र का परिशिष्ट भाग ७१३ राजकुमार सुवासवकुमार का जीवनपरिचय। ६८८ | परिशिष्ट नं०.१
द्वितीय तस्कन्धीय पञ्चम अध्याय परिशिष्ट नं०२ पञ्चम अध्याय की उत्थानिका। ६६१ | परिशिष्ट नं०३
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