Book Title: Vipak Sutram
Author(s): Gyanmuni, Hemchandra Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay

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Page 826
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir (७३६) श्री विपाक सूत्र [परिशिष्ट नं.३ पांच २६४ १८ वर्ष '1 हाथ हाथा " अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति | अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति | अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति कूटकार कूटाकार २६१ ५ | पंचविध षड्विध ३०१ ३० | ओंधा धा ३५३ १७ विवर्ण विवरण २६२ २७ टिप्पण टिप्पणी ३०३ ३६ | पांब पांव , २३ छः अल्यज्ञ अल्पज्ञ ३०४ ३४ | शरीर शरीर में ३५५ १६ पंचविध षड्विध , २७ विचारे बेचारे ३०५ २ सूइय सूइयों , १७ पांच छः २६५ ७ टिप्पण टिप्पणी ३०६ ४ विन्नाय विरणाय ३६२ २ पंचविध षड्विध , ११ मंत्री ६ देवाणुप्पए देवाणुप्पिए ३६४ ५ टिप्पण टिप्पणी , ३४ वर्षों ३०८८ लका लङ्का ३७२ १७ आपति आपत्ति २६७ २७ | अम्मिए अहम्मिए ३०६ ६| रंग , २७ चुका चुका है २६८ १४ | अलिंगित प्रालिंगित , २६ अध्यय अध्याय ३७४ ६ सम्पति सम्पत्ति २७० २४ | होगा + ३१२ १३ पडलिसंडे पाडलिसंडे , १५ नरेइएसु नेरइएसु २७१ २३ | के टिप्पण की टिप्पणी ,, १६ सयय समय ३७५ २ पर के २७३ १५ | अधमर्षों अधमणे ३१३ १८ हाथों हाथ ३७७ १८ उस ने उस के २७४ १४ | गा कह ३१५ २८ पैरों पैर , निसृत निस्सृत २७७ २५ / कल्याणेन्मु- कल्याणोन्मुनिग्रंथ निग्रंथ २७६ ३० खी खी ३१७ १५ | पैर पैरों का २८१३३ | मूख मूखे ३२५३४ देहविलका देहबलिका ३८१ १५ कामों कामों में २८३ १५ | के टिप्पण की टिप्पणी ३२७ ३४ पारस पुरिसं ३८३ १ भेदलक्षण दण्डलक्षण , ३० | वर्ष वर्षों ३२८ २ द्वाविंशतं द्वात्रिंशतं ३८७ ३२ ततः + धर्म धर्मः २८४ ३१ प्राक्तनीय प्राक्तन ३६० १६ अमगारे अणगारे २८७ । तस्स कि है कि तस्य , ३४ बाद के बाद ३६१ ३ वर्षों सहस्त्र सहस्र ३३५ ११ से से भी , २८८ २० अंगारेष अंगारेषु वणन वर्णन टिप्पण टिप्पणी णक क के २८६ १० . से ३६६ पंचविध षड्विध + २६० ३. | अबा: अम्बाः ३६६ १६ पदाथ पदार्थ | यद्यह यद्यहं , चर्या चर्या रखना खाना ३३६ ७ २६१ प्रजनिष्यति प्रजनिष्यसि , ३० ज्जो जो जाता जाता है , ३४१ ८ २० सम्बन्धी सम्बन्धि ३६६ २५ राज्ययोग्य राजयोग्य ३४३ १ जाना जाते , २७ टिप्पण टिप्पणी , तिष्ठति तिष्ठन्ति ३४५ २१ करना करते ४०० २८ बह्यः देना देने बह्वयः , २२ अर्द्ध ४०५ १५ " " सर्वथा लगभग ३४७ । निति नीति २६६ १७ | वणुलताओं वेणुलताओं ३४८ २४ पूर्वोजित पूर्वोपार्जित , १६लय के लिये ३५१ १४ ॥ पद दस्स तस्स ३०० २१ / घाटति घाटयति .. २८ अ आई " २३ अर्थी अरथी ३३० ३३२ २१ को + गया __ + "२७ प्राई For Private And Personal

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