Book Title: Vipak Sutram
Author(s): Gyanmuni, Hemchandra Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay

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Page 812
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra (७२२) शब्द चिश्चिसर चिट्ठ चिंधपट्ट चिराती चुत चुल्ल पिउ चुल्लमाउ चेइ चेलुक्व चोक्ख चोदस पुव्वि चोदसम चोरपल्ली छठ्ठ छट्ठक्खमण छह छट्ठ छडछडस्स छड्डु छत्त छल्ली छागलिय छिज्ज छिद छिप्प छिप्पतूर छिव भ जक्ख जक्वाययण पृष्ठ १४६ ४० १२३ २२ ३६८ २०४ २०४ १ ६२५ २४७ १ ज २०४ १६२ τ ३८२ १२१ ३५३ ४५५ १०४ ६५ २८८ १२४ १६६ १४१ २१८ ३४६ ३५२ २३ २२ पंक्ति शब्द २६ जंगोल २ जण २१ जत्त १७ जति १० जर २६ जतो ५ जप्पभिति ७ जंभा ४ जमगसमग ८ जम्म ५ जम्मं ५ जम्मपक्क ४ जलयर जहण ३५ होइय ७ जहा २७ जहानामए ६ जहाविभव हजा १० जाति १२ जातिध २ जाइसंपन्न १ जागरिया ६ जाण al mr; ३ www.kobatirth.org श्री विपाकसूत्र પ जाणा जातनिंदुआ जामाउ जाणु जाया ६ जायमेत्त १७ जायसढ़ ८ ११ पृष्ठ ३८७ २५ ४८५ १८ ३३ ७६ ४५१ ५७ ३६६ ६८० ४३३ ५७ τε १०४ १८ ४० ४६० १४१ ४० २२ २२ ? १५६ ३३ ६५ १५६ २०४ १७५ ३३ १४६ १ For Private And Personal पंक्ति | शब्द ३ जाव १६ जाहे ४ जिह १५ जिमिय १० जमलत्त ११ जुत्त ४ जुय १ जुवराया जय १३ १६ ww go १० २० ?? २ जितकार जह ७ Ir Ε २ २० भूस २० こ ५. टिट्टिभ १३ ट्ठाणिज १० १ ३ ३ १ जेट्ठ १० जोणिसूल जोव्वण झय भाणकोट्ठ भियाति झिल्लरी Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir ठव ठित ठिति ठितिपडिय डम्भण [ परिशिष्ट नं० २ पंक्ति ६ ४ ४ पृष्ठ १ ३२५ १४१ २१८ ३०७ १०४ १२३ ४७० १६६ ३५२ २८८ 可以 झ ਨ १६६ Σε ट १०४ १ १४१ १५१ ६६६ २१२ ४६६ ho १५३ २४७ ७४ १५६ ड ३४६ ५ ७ १० २३ ३ ७ १ ५ २७ १ १७ १० ह ११ 40 ५ - ५. ? १० १३ १५

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