Book Title: Vipak Sutram
Author(s): Gyanmuni, Hemchandra Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay
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श्री विपाक सूत्र
[परिशिष्ट नं २
शब्द
पृष्ठ
"पृष्ठ
५७
८६ ४६६
३८७
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४७६.
पंक्ति | शब्द २० समश्र
समण
समज्जिण १४ समजाइभूय
समाण समायर समायार समासास समाहि समुक्खित्त समुदय समुद समुप्पज्ज समुयाण समुल्लावक | समुल्लासिय ६ | समोसढ़
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पंक्ति। शब्द - ३ सरीरग
सरीसव
सलाहणिज्ज ५ संलेहणा १८ संलवति | सल्लहत्त सवत्ती सव्व सव्वो सव्व उय संवच्छर | संवड्ढ़ ससय
संसुमार १४ सहस्स ६ सहस्सखुत्तो ६ सहस्सलम्भा १७ | साउणिया १५ साग ६|सागरोवम
साडग साड़ण साड़िया सातिम
संजन संजुत्त संजोग
४६६ सड़ सडियं
३७६ सरगाह १३७ संठिया १६२ संडासत्र ५१३ मराह
४३३ सत्त सत्तम सत्तरम सत्तरसम सत्तासिकावावतिय-५७७ सत्तावरण ३०७ सनुस्सेह सत्थकोसह सत्यवाह सत्योगडिअ सद सहवेही सहह सहाव सद्धि संत
.
१३२
२१८
८६
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म्भा
समोसर
१०४ ४३३ ४३३
२५२
| संपत्त संपरिवुड संपत्ति
५२६
१६२
संपेह
४०४
साम
२
संत
३२२
संभग्ग संभंत संमाणिय | सय सयरिणज्ज सयहत्थ सयरज्जसुक्का ४६६ सर
२१८ सरासण १२३
मंतिहोम संथर संथारग संदिस संधिछेय सन्निविट्ठ
५१३
सामरण सामी सारक्ख सालाग सावतेज सास सासिल्ल
३८७ २५१
१६८
११२
४|सरिस
१० साह?
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