Book Title: Vipak Sutram
Author(s): Gyanmuni, Hemchandra Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay

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Page 823
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट नं. ३] हिन्दी भाषा टीका सहित । (७३३) प्रसन , २८ प अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति । अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति | अशुद्ध शुद्ध पृष्ठ पंक्ति नहीं नहीं ५२ ३१ जप्पभिति जप्पभिति ७६ ११ / सूरी सूरि १६ ३४ विजवद्धमान विजयवर्द्ध- पुग्वि पुटिव ७७ ८ विचित्राकर: विचित्राकार:,, ३८ मान ५३ १५ तप्पभिति तप्पभितिं ७७ । विण्णाय विएणय ६७ १६कशचेपटा कशाचपेटा ५३ ३३ खराणि खाराणि , १२ फरमया फरमाया ५४ २७ | संज्ञा मग मंग ७७ २६ , २४ रक्खें रक्खे | गर्भ ५६ १२ आदेशानु- सन्मुख अपने ६८ १७ जीव ७८ २ समाचर: समाचार: ५६ २४ | खराणि खाराणि ७८ १३ सार अपने दोषों का निवेदन गमेल्लेग गामेल्लग ५७ पाप निवृत्ति दुखित दुःखित ७६१ ७ के लिये तजहा तंजहा ५७ २१ अच्छितरेसु अच्छितरेसु८० ३ प्रायश्चित्त यवहार का व्यवहार ५८ नडियों ४ नाडियों ८० १० भम्मक भस्मक कार्य टीकाकार , कार्य ५ टीकाका ५ अन्ध पदार्थ प्रसन्न अन्धं मूलार्थ ५८ २१ लगभग सक्षिप्त संक्षिप्त , १७ आवयक आवश्यक ५६ १० परिपूर्ण ८३ ८ सक्षेप संक्षेप निसृत , २० निस्सृत ६० १६ उद्विग्न ८४६ सव सब वताभिष्यन्द वाता वहां , १३ भिष्यन्द ६३ ५ दुखविपाक दुःखविपाक १०१ ३६ मेद होता ८६ ४ भेद ६३ २८ सेत्स्यत सेत्स्यति , ३४ हस्ताक्षेप हस्तक्षेप ८७ २० होता होता है ६४ ३ सर्वदुख सर्वदुःख , ३६ तता ततो ६ ११/ अहिसा अहिंसा १०३ ५ वणन वर्णन ६४ ५ विजववर्द्ध-विजयवर्द्ध--६४ २७ / | ण णं ८८ १३ | जम्बू! जम्बूः ! , २२ पौरस्त्ये रट्ठकूडस्य रट्ठकूडस्स ६५ चउरिदिएमु चरिंदिण्सु ६२ ५ पौस्त्ये , २३ ६ अययन अध्ययन ६२ ३४] त्रिशद् त्रिशद् , यथाविध यथाविधि ६६ ८ अधमी अधर्मी ६३ ४] ऋद्धि. रिद्ध० १०४ रहकूटस्स रहकूडस्स ६६ १७ भांती भाँति , ३५ | कणीरह- करणीरहसुदर सुन्दर ६७ २८ ओर और ६४ १२ स्मित स्मितं अगमवादी आगमवादी ७० ११ युक्त युक्त उर्ध्व ऊर्ध्व ७१ १४ स्थिति स्थिति ६४ २३ | विहितं , चरक दि चरकादि ७१ २० त्रयोविंशत् त्रयस्त्रिंशत् ,, ३५ | पट्टराणी पटरानी १०५ वृहणैः बृहणैः ७३ ३६ सगरोपम सागरोपम ६५ ४ पटराणी पटरानी १०७ १३ दुखी दुःखी ७४ १६ | गुनन गुणन , १२ शब्दो शब्दों , २० यासमय यथासमय ७५ ६ | उन वहां , २० | साधरण साधारण २८ चिकीत्सत चिकित्सित ७५ १६ निष्कष निष्कर्ष के १, २१ की १०६ २ दुखितः दुःखितः ७५ ३४ समाचर समाचार ६६ २४ | महिलाओं महिला १११ ७ स्थान , जबदस्त दुखार्तो दुःखार्तो ७५ ३४ स्थन २६ | जबर्दस्त , २७ का का प्रायः ७६ ३| यो नयों योनियों , ३२ / पदाथा पदार्थों ११२ ५ विहित For Private And Personal

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