Book Title: Vipak Sutram
Author(s): Gyanmuni, Hemchandra Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay

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Page 814
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir (७२४) श्री विपाकसूत्र [परिशिष्ट नं०२ पृष्ठ पृष्ठ दह पंक्ति शब्द २ दुइज्जमाण ३ देवाणुप्पिय १देसप्पन्त देसीभासा ८ देहवलि ६१६ ३२ ११२ ३४६ दाम शब्द ४५१ दात्र २३२ दाओयरित्र ३७६ २१८ दाय ३६७ दार २२ दारग दारिय ३६७ दालिम ४३३ दाह दाहिणपुरथिम ५२ दिज्ज दिट्ठ पंक्ति शब्द १८/नमंसित्ता २३/नह च्छेयण ४ नाडअ हनामधेज्ज नास १८ निक्कण ४ निकत्वमण निक्खेव निगर निग्गच्छइ निग्गन्थ १६६ २१ दोच्च ३४६ w निग्गम १६२ nnn.monsces) 06 धमणि धम्म धम्मायरिय धरणीतल धरिम धसत्ति धाती धिति दिट्ठी १६१ निग्गम E दिएण (निच्चे निच्छूड दिसिभा दीह २२ ४३३ १६२ १५७ १६६ २०४ ४०६ निडाल १७५ धया दुग्ग १४१ व घउज Ww दुञ्चिरण दुद्ध दुद्धिय दुप्पडिक्कंत दुप्पडियाणंद दुप्पहंस निच्छा नित्तेय नित्थाण निदाण निद्धरण ३ निप्पक्ख १५ निप्पारण निप्फन्न निब्भय नक्क नगर ४३३ २२ १६२ mom .net. २०४ दुव्वल ६८७ ६/नत्तु ६ नत्तुइणी. १३७ २०४ २०४ १६२ नियग दुल्लभ दवार दुवे १४६ १६२ २०४ ६/नतुई ११ नत्तुयावई २नस्थि १६ नदी ८/नपुसगकम्म २२ 61 ६ नियत्त २१ नियत्थ १५ नियल १२३ दुहट्ट १७६ निरुवसग्ग For Private And Personal

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