Book Title: Vipak Sutram
Author(s): Gyanmuni, Hemchandra Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay

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Page 810
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir (७२०) श्री विपाकसूत्र [परिशिष्ट नं०२ पृष्ठ शब्द श्रोहय पंक्ति, शब्द १२ कमलोवम कंबल ३६७ १४१ ६२५ क ओहीर १४१ पंक्ति शब्द कालुणवड़िया २५ ४कास कासिल ३७६ १२ किडिकिडियाभूय ४२६ का ३६६ ककुह २१ कयत्थ ४ कयर कयलक्खरण १४ कयाइ ५१ १४ किमि x swx no ककरस ३६६ १४१ १२४ ३६६ १२३ १२ किंसुअ ५१३ कक्ख कच्छ ४६४ १२३ कच्छभ कच्छुल्ल कज्ज १५७ ३२८ ३४६ ८३ ३८७ कील २३ कीलावण कीलिय २/कुक्कुडि ७/कुच्छि कुच्छि १२ कुडंग कुडुम्बजागरिया २१२ ३६० ६ करकडि करपत्त १७ करयल २ करोडिय कलकल कलंबचीरपत्त कलुस २० कल्लाकल्लि क कट्ठ ३४६ १६६ ३४६ १२३ कवत्र कुमार ३६३ o x x m 6 x on we owo ma e ४६४ कुहाड कडसकर कडी कडुय करणग करणङ्गर कण्डू करण कणीरह . ३४६ ४५१ २१२ १५३ २१२ ३८७ ४५५ ४३३ २०४ कवल्ली कवोत कवलग्गाह कूड़पास १६२ ११ कविट्ठ १०४ ४८५ ३०२ कत्तो कृविय कूयमाण कोउय कस कहा ३७६ ४०६ ३४६ कत्थ कोहिल्ल १६६ . कत्थइ कन्त ६५ कन्दू २१२ काइ कोडी कोडुबिय कोढ़ कोढ़िय ८६ कहि ३६८ २१२ काकरिणमंस १२४ कायतिगिच्छा ३८७ कारण ५६ काल काल कालधम्म ४७० कप्प कप्प कप्पडिय कप्पणी कप्पाय कप्पिय कोहालिया o w w oc o o o ३ कोप्पर ३८७ २८८ १६४ २८८ ३७६ २१२ १७५ ३८७ १६२ ४७४ 20. कोमारभिच्च ७कोलंब कोवघर १० कालमास For Private And Personal

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