Book Title: Vipak Sutram
Author(s): Gyanmuni, Hemchandra Maharaj
Publisher: Jain Shastramala Karyalay

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Page 809
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir परिशिष्ट नं २ (७१६) पंक्ति पंक्ति शब्द पृष्ठ २८४ २५ ६३८ १०४ उदाहु शब्द इत्थी इन्दमह इन्भ इरियासमित इरियाममिय ईसर ए १०४ ६५१ २०४ . १६ एग २५ ४५१ ३५२ ... ६२५ उउय उक्कंप उक्किट्ठ उकित्त उक्कुरूडिया १२३ ३२१ ८३ ५३ ४७६ १०४ उकोड़ा उकोस " हिन्दीभाषाटीकासहित पंक्ति शब्द उहिट्ठ उसिय ८३ १/उदात्र ८६ उदामिय १२३ १६ एक्कवीस उप्पत्तिया ४५५ एक्कारसम उप्पाड ३५२ एकारसम | उप्पीलिय १२३ उम्फेण उप्फेणिय ४८४ १२ एगट्ठिय उरपरिसप्प ११/ एगतीस उराल १६६ १० एगसाडिय उरुघंट २१८ एगमेग उरंउर २५१ एगण उल्ल ५/ एगृणतीस उलुग्ग एज्जमाण उवउत्त १६६ एणेज उवग एत्तो उवगूढ एयकम्म उवंग उवदंस उवदिस ३८७ उवप्पदाण २५१ ओगाढ़ उवयार १०४ ओगाह उववन्न उववेय ओमंथिय १०४ उवसाम ओरोह उवाग उवीलण ओवाइय उव्वट्ट ओवील उव्वद्रण उचट्टाव ५०६ ओवील ओवीलेमाण उस्सुक्क २५७ ओसह ओसारिय उक्खेव उग्गाह उग्घोस उच्चार उच्छंग ४३३ ३६७ ६१६ ६४ x x : . एल ६३८ २८८ ३६७ ओ उज्जल. . २२ उज्जाण उज्भ १० ओट्ठ १२१ ४०६ १४१ १४१ ६२५ उद्र उट्टिया ३४६ ओमुय hd x 60mmoom com... ६५ . ओलूह १२३ उट्ठात उत्तरकंचुइज्ज उत्तरपुरस्थिम उत्तरासंग उत्तरिल्ल उत्तारण ४०६ ३६७ १६६ ३५२ . २२ ६२५ २३८ उसिण उदा २४। उस्सेह १२३ For Private And Personal

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