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समग्रज का इतिहास/59
में दिसम्बर 83 में एक विशाल समारोह में भेंट किया गया था। अभिनन्दन ग्रंय के संपादक श्री नेमीचन्द काला जयपुर एवं प्रबना संपादक श्री सुशील कुमार जी सेठी उज्जैन हैं। प्रकाशन श्री पं. सत्यन्धर कुमार सेठी अभिनन्दन समिति जयपुर ने किया है। अभिनन्दन ग्रंथ के प्रथम खण्ड में पंडित जी के प्रति विद्वानो, समाजसेवियों, व्यापारियों एवं स्वजनों के संस्मरण एवं आशीवर्धन है। शेष छह खण्डों में विविध विषयों पर लेख है। समाजसेवियों का इस प्रकार का अभिनन्दन स्वागत योग्य है।
श्री यशपाल जैन अभिनंदन ग्रंथ
निष्काम साधक के नाम से प्रकाशित श्री यशपाल जैन अभिनंदन ग्रंथ अभिनंदन ग्रंथों की परम्परा में एक नया अध्याय है। श्री यशपाल जैन का व्यक्तित्व जितना विशालकाय है उतना ही अभिनंदन ग्रंथ भी विशालकाय है। प्रस्तुत अभिनंदन ग्रंथ मानवीय मूल्यों के उपासक श्री यशपाल जैन को उनकी 72 वीं वर्षगांठ पर 9 सितम्बर 1984 को समर्पित किया गया था। श्री यशपाल जैन अभिनंदन ग्रंथ समारोह समिति के अध्यक्ष डा. लक्ष्मीमल सिंघदी है। श्री बनारसीदास चतुर्वेदी इसके प्रधान सम्पादक है। श्री खेमचन्द्र सुमन इनके सम्पादक है तथा श्री वीरेन्द्र प्रभाकर इसके संयोजक है। पूरा ग्रंथ विभिन्न परिवेशों में विभक्त है। जैन संस्कृति पर एक अध्याय है जिसमें सात विद्वानों के लेख हैं। एक अध्याय हिन्दी का वैभव है तथा एक अध्याय भारतीय संस्कृति पर भी है।
सिद्धान्ताचार्य पं. फूलचन्द शास्त्री अभिनंदन ग्रंथ
पं. फूलचन्द जी शास्त्री विद्वत्ता एवं सिद्धान्त परक ज्ञान में अद्वितीय होने पर भी वे समाज के एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करते है। उनके सम्मान में सन् 1985 में एक अभिनंदन ग्रंथ का प्रकाशन किया गया जिसके सम्पादन में डॉ. ज्योतिप्रसाद जी जैन, पं. कैलाशचन्द जी शास्त्री, पं. जगमोहन लाल जी शास्त्री, प. नाथूलाल जी शास्त्री, पं. माणकचन्द चवरे कारंजा, प्रोफेसर खुशालचन्द जी गोरेवाला एवं डॉ. देवेन्द्र कुमार जी नीमच जैसे मनीषी है। पं. बाबूलाल जैन फागुल्ल जिसके प्रबन्ध संपादक है । ग्रंध का प्रकाशन सिद्धान्ताचार्य पं. फूलबन्द शास्त्री अभिनंदन ग्रंथ प्रकाशन समिति वाराणसी ने किया है। अभिनंदन ग्रंथ में पोच खंड है जिनमें तीन अध्याय उनके व्यक्तित्व पर आधारित है। शेष अध्याय उनके द्वारा लिखे गये निबन्धों से आप्लावित है।
डॉ. लालबहादुर शास्त्री अभिनंदन ग्रंथ ___अ. भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद् के अध्यक्ष डा. लालबहादुर जी शास्त्री विद्वत्ता एवं शास्त्रीय ज्ञान के निष्णात मनीषी है। आपका अभिनंदन ग्रंथ निकालने की योजना अहमदाबाद में शास्त्री परिषद् के अधिवेशन में पं. बाबूलाल जी जमादार ने तैयार की लेकिन वे अभिनंदन ग्रंथ समर्पण के पूर्व ही चल बसे। शास्त्री परिषद की ओर से अभिनंदन ग्रंथ का प्रकाशन कराया गया। अभिनंदन ग्रन्थ के प्रधान संपादक पं. विमल कुमार जी सोरया को बनाया गया। सम्पादक मंडल में सर्व श्री डॉ. कस्तूरचन्द कासलीवाल जयपुर, पं. सागरमल जैन विदिशा, डॉ. श्रेयान्सकुमार जैन बडौत,