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राजस्थान प्रदेश का जैन समाज /493
कराने में बहुत रुचि थी। करीब 100 से अधिक विवाह कराये होंगे। 50 से भी अधिक वर्षों तक शास्त्र प्रवचन किया । 40 वर्ष तक दि.जैन संस्थाओं के महामंत्री रहे तथा दि.जैन सरस्वती पवन केकड़ी के आजीवन अध्यक्ष रहे। पं. मिलापचंद जी के पूर्वज 150 वर्ष पूर्व हाडोती से केकड़ी आये थे।
ऐसे पंडित जी के सुपुत्र पं. रतनलाल जी कटारिया का जन्म भादवा सुदी 5 सं. 1986 में हुआ। आपने वाराणसी से मध्यमा परीक्षा पास की और फिर पंडिताई के स्थान पर सर्राफी एवं व्यापार करने लगे । संवत् 2005 में आपका विवाह सुठिया देवी के साथ संपन्न हुआ। आपको दो पुत्र विनयकुमार एवं सुदर्शनकुमार एवं दो पुत्रियां कुसुम एवं रेणु के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका है। दोनों पुत्रों का विवाह हो चुका है । विनयबाबू के दो पुत्र एवं सुदर्शन के एक पुत्री है।
श्री रतनलाल जी कटारिया अच्छे लेखक है। अब तक जैन निबंध रलावली, पद्मावती पूजा मिथ्यात्व है,जैन धर्म में रात्रि भोजन निषेध शासन देव पूजा रहस्य,सम्यक पूजा विधि,स्वी प्रक्षाल निषेध जैसी सामाजिक पुस्तकों के लेखक एवं प्रकाशक हैं। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में अब तक आपके 125 निबन्ध प्रकाशित हो चुके हैं। 20 वर्ष की अवस्था से ही आप लेखन का कार्य कर रहे हैं। कटारिया सामाजिक व्यक्ति हैं । केकड़ी एवं बघेरा पंचकल्याणकों में इन्द इन्द्राणी के पद को सुशोभित कर चुके हैं।
पता- मैसर्स मिलापचंद रतनलाल कटारिया,केकड़ी अजमेर श्री रतनलाल कटारिया
टोडारायसिंह के कटारिया परिवार में आसोज सुदी 10 संवत् 1972 में जन्में श्री रतनलाल जी कटारिया की धार्मिक एवं सामाजिक सेवाएं उल्लेखनीय हैं । उन्होंने समय-समय । पर अनेक धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं में कई पदों पर कार्य किया है। सामान्य शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप थोक वस व्यवसाय का कार्य करने लगे।
आपका दूसरा विवाह श्रीमती कमला देवी से हुआ । आपको तीन पुत्रों एवं तोन पुत्रियों के पिता एवं छ: पौत्र एवं एक पौत्री के दादा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । 44 वर्षीय श्री स्वरूपचन्द ज्येष्ठ पुत्र हैं, धर्म पली श्रीमती कान्ता देवी तीन पुत्रों की माता हैं । दूसरे पुत्र श्री सुभाषचन्द 34 वर्षीय एम.काम.हैं धर्म पत्नी उषा बी.ए. है तथा दो पुत्रों से अलंकृत हैं 1 तीसरे पुत्र शान्तिलाल एम काम, एल.एल.बी. हैं,श्रीमती किरण धर्मपत्नी है एक पुत्र एवं एक पुत्री से अलंकृत हैं।
कटारियाजी दिगम्बर जैन पंचायत के अध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष पद पर अनेक वर्षों तक रहे हैं । धार्मिक विचारों के तथा नित्य नियम करने वाले हैं,दोनों समय सुबह शाम भगवान के दर्शन करते हैं । मुनिभक्त एवं आर्षमार्गी हैं।
आचार्य ज्ञानसागर ग्रन्थमाला के कोषाध्यक्ष हैं,जयोदय महाकाव्य, वीरोदय काव्य सुदर्शनोदय आदि मन्थों के प्रकाशक
पता : दुकानः गणेशीलाल रतनलाल कटारिया, 36, महावीर बाजार व्यावर. 305901 फोन निवास : 20377 दुकान : 22377 निवास :. कटारिया भवन, डिागी मौहल्ला, ब्यावर - 305001